मुंबई, 03 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि पाकिस्तान गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण कर रहा है। उन्होंने रविवार को CBS न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका को भी अब दोबारा परमाणु परीक्षण शुरू करने की जरूरत है। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका के पास इतने परमाणु हथियार हैं कि वह दुनिया को 150 बार तबाह कर सकता है, लेकिन रूस, चीन और पाकिस्तान की गतिविधियों को देखते हुए टेस्टिंग जरूरी है। जब उनसे पूछा गया कि नॉर्थ कोरिया के अलावा कोई और देश फिलहाल परमाणु परीक्षण नहीं कर रहा, तो उन्होंने कहा कि रूस, पाकिस्तान और चीन गुप्त रूप से ऐसा कर रहे हैं, बस दुनिया को इसकी जानकारी नहीं होती। ट्रम्प पहले ही रक्षा मंत्रालय को परमाणु हथियारों की तत्काल टेस्टिंग शुरू करने के आदेश दे चुके हैं।
इंटरव्यू के दौरान ट्रम्प ने यह भी कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उनके अनुसार, दोनों देश परमाणु युद्ध के कगार पर थे और अगर उन्होंने दखल नहीं दिया होता, तो लाखों लोगों की जान जा सकती थी। ट्रम्प ने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता के बाद ही हालात शांत हुए और युद्ध टल गया। उन्होंने कहा कि वे अब तक 70 से ज्यादा बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं। ट्रम्प ने साउथ कोरिया में हाल ही में कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों पर 250% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जिसके दो दिन बाद दोनों देशों के नेताओं ने उनसे संपर्क कर सीजफायर पर सहमति जताई।
इंटरव्यू में ट्रम्प ने चीन और ताइवान को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो उसे गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ेगा। ट्रम्प ने दावा किया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनके कार्यकाल में चीन ताइवान पर कोई सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा। ट्रम्प का कहना था कि उनके शासनकाल में चीन ने ताइवान पर हमला करने की हिम्मत नहीं की क्योंकि उसे अमेरिका की सख्त प्रतिक्रिया का डर था। ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ भी की। जब उनसे पूछा गया कि दोनों में से किससे निपटना कठिन है, तो उन्होंने कहा कि दोनों ही मजबूत और समझदार नेता हैं जिनसे मजाक नहीं किया जा सकता।
वैज्ञानिकों ने हालांकि परमाणु परीक्षण दोबारा शुरू करने के ट्रम्प के फैसले पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि आधुनिक तकनीक से बिना विस्फोट किए भी हथियारों की स्थिति की जांच की जा सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के एक अध्ययन के अनुसार, 20वीं सदी में अमेरिका में हुए परमाणु परीक्षणों से 6.9 लाख अमेरिकी नागरिकों की मौत या गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हुईं। ट्रम्प ने 3 दशक बाद अमेरिका के फिर से परमाणु परीक्षण शुरू करने के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि रूस और चीन लगातार ऐसा कर रहे हैं, इसलिए अमेरिका को भी अपनी तैयारी जारी रखनी चाहिए। उन्होंने यह नहीं बताया कि परीक्षण कब और कहां होंगे, बस इतना कहा कि "हमारे पास टेस्टिंग साइट्स तैयार हैं, जल्द इसकी घोषणा की जाएगी।" अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति के आदेश के बाद किसी परमाणु परीक्षण को अमल में लाने में 24 से 36 महीने का समय लगता है।