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सुश्रुत से सेल्फी तक: भारत प्लास्टिक सर्जरी का वैश्विक केंद्र कैसे बना? आप भी जानें

मुंबई, 16 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) एक समय था जब प्लास्टिक सर्जरी को सिर्फ हॉलीवुड की दुनिया से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन आज भारत इस क्षेत्र में एक वैश्विक शक्ति बनकर उभरा है। चिकित्सा के इतिहास में, भारत का नाम महर्षि सुश्रुत के साथ हमेशा जुड़ा रहेगा, जिन्हें दुनिया में प्लास्टिक सर्जरी का जनक माना जाता है। उनकी 'सुश्रुत संहिता' में आज से 2600 साल पहले नाक और शरीर के अन्य अंगों के पुनर्निर्माण की जो विधियां वर्णित हैं, उनका इस्तेमाल आज भी होता है।

आज, भारत में प्लास्टिक सर्जरी का यह समृद्ध इतिहास आधुनिक तकनीक और बढ़ती मांग के साथ मिलकर एक नए युग की शुरुआत कर रहा है। 'सेल्फी कल्चर' और सोशल मीडिया ने लोगों में अपने लुक को लेकर जागरूकता बढ़ाई है, जिससे कॉस्मेटिक सर्जरी की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

अतीत का गौरव और वर्तमान की वास्तविकता

प्राचीन भारत में, सुश्रुत ने माथे की त्वचा का उपयोग करके कटी हुई Read more...

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आंत और दिल का अनोखा रिश्ता: पेट का स्वास्थ्य सीधे दिल को कैसे प्रभावित करता है?

मुंबई, 16 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अक्सर जब हम दिल के स्वास्थ्य की बात करते हैं, तो हमारा ध्यान सही खान-पान, व्यायाम और कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पेट में मौजूद अरबों बैक्टीरिया (जिन्हें गट माइक्रोबायोम कहते हैं) का सीधा संबंध आपके दिल की सेहत से होता है? हाल ही में हुए शोध और विशेषज्ञों की राय इस छिपे हुए रिश्ते पर प्रकाश डाल रहे हैं, जो बताते हैं कि एक स्वस्थ आंत न केवल बेहतर पाचन के लिए, बल्कि एक मजबूत दिल के लिए भी बेहद जरूरी है।

पेट और दिल के बीच का वैज्ञानिक कनेक्शन

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक चोपड़ा और डॉ. राज कुमार (पी.एस.आर.आई अस्पताल) जैसे विशेषज्ञ बताते हैं कि आंत और दिल के बीच का संबंध, जिसे 'गट-हार्ट एक्सिस' कहा जाता है, बेहद महत्वपूर्ण है। जब हमारी आंत स्वस्थ होती है, तो यह ऐसे लाभकारी यौगिक बनाती है जो रक्त वाहिकाओं की रक्षा करते हैं और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने म Read more...

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बॉलीवुड से एक नया फ़ूड ट्रेंड: सोहा अली खान का डाइट सीक्रेट, लौकी-तोरई और टिंडे का कमाल!

मुंबई, 12 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) जहां एक ओर बॉलीवुड सितारे अपने महंगे और विदेशी डाइट प्लान के लिए जाने जाते हैं, वहीं अभिनेत्री सोहा अली खान ने एक बेहद देसी और सरल डाइट रूटीन अपनाकर सबको चौंका दिया है। एक हालिया इंटरव्यू में, सोहा ने बताया कि वह "फूडी नहीं हैं" और उन्हें एक ही तरह का खाना बार-बार खाने से कोई दिक्कत नहीं होती है। उनका डाइट सीक्रेट सुनकर आप हैरान रह जाएंगे—यह है लौकी, तोरई और टिंडा!

सोहा अली खान ने साझा किया कि वह इन तीन सब्जियों और पीली दाल को रोज़ खा सकती हैं और कभी बोर नहीं होतीं। उनके लिए, ये केवल सब्जियां नहीं, बल्कि एक आरामदायक और स्वास्थ्यप्रद भोजन का हिस्सा हैं। वह अपने दिन की शुरुआत भी एक फिक्स्ड रूटीन के साथ करती हैं: ग्लूटेन-फ्री टोस्ट, एवोकाडो और एक पोच्ड एग। इस नाश्ते से उन्हें स्वस्थ वसा (healthy fats), प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का सही मिश्रण मिलता है।

एक्सपर्ट की राय: क्या एक ही खा Read more...

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एक अभिनेत्री की 27 साल पुरानी कहानी: रिश्ते में ईमानदारी और हीलिंग का सफर, आप भी जानें

मुंबई, 11 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) मशहूर अभिनेत्री कुनिक्का सदानंद ने हाल ही में 'बिग बॉस 19' के एक एपिसोड में अपने जीवन से जुड़ा एक गहरा और 27 साल पुराना राज खोला है। उन्होंने बताया कि वह एक शादीशुदा व्यक्ति के साथ 'लिव-इन' रिलेशनशिप में थीं, जिसने अपनी पत्नी से अलगाव कर लिया था। यह रहस्य इतने सालों तक उनकी जिंदगी का हिस्सा रहा, जिसने उन्हें मानसिक रूप से प्रभावित किया।

रिश्तों की जटिलता और बेवफाई का दर्द

कुनिक्का ने बताया कि उनका यह रिश्ता तब खत्म हो गया जब उनके पार्टनर ने किसी दूसरी महिला के साथ बेवफाई की। जब उन्होंने इस बेवफाई को स्वीकार किया, तो कुनिक्का ने उनसे अलग होने का फैसला किया। यह घटना एक बार फिर से इस बात को सामने लाती है कि रिश्ते में विश्वास और ईमानदारी कितनी महत्वपूर्ण है, खासकर जब वे समाज के पारंपरिक ढांचे से बाहर हों।

मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण: राज़ का बोझ और ईमानदारी की ताकतRead more...

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माथे की शोभा 'बिंदी': इतिहास, संस्कृति और आधुनिक पहचान का प्रतीक, आप भी जानें

मुंबई, 15 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारतीय संस्कृति में माथे पर सजी एक छोटी-सी बिंदी केवल एक श्रृंगार नहीं, बल्कि सदियों पुराने इतिहास, परंपरा और सशक्त पहचान का प्रतीक है। संस्कृत शब्द 'बिंदु' से जन्मी 'बिंदी' ने 5,000 से भी अधिक वर्षों की यात्रा की है, और आज यह पारंपरिक विरासत और आधुनिक फैशन का एक अनूठा संगम बन गई है।

पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व

बिंदी का इतिहास भारतीय परंपरा और आध्यात्म से गहराई से जुड़ा है। हिंदू धर्म में, भौंहों के बीच के स्थान को 'आज्ञा चक्र' या 'तीसरा नेत्र' माना जाता है। यह चक्र ज्ञान, एकाग्रता और दिव्य दृष्टि का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर बिंदी लगाने से ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
इसके अलावा, पारंपरिक रूप से सिंदूर से लगाई जाने वाली लाल बिंदी विवाहित महिलाओं के सौभाग्य, प्रेम और सम्मान का प्रतीक मानी जाती थी। यह न केवल उनकी वैवाहिक स् Read more...

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