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अनन्या पांडे का 'लेस इज़ मोर' मेकअप: फैशन में एक नया ट्रेंड, आप भी जानें क्या है खबर

मुंबई, 14 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) बॉलीवुड एक्ट्रेस अनन्या पांडे ने अपनी हालिया तस्वीरों से एक बार फिर फैशन और मेकअप की दुनिया में हलचल मचा दी है। उनका 'लेस इज़ मोर' मेकअप लुक आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। अनन्या का यह लुक दर्शाता है कि कैसे स्टेटमेंट ज्वैलरी के साथ मिनिमल मेकअप भी खूबसूरती को बढ़ा सकता है।

क्या है अनन्या का यह खास लुक?

अनन्या पांडे ने अपने इस लुक के लिए स्किन-फर्स्ट अप्रोच (skin-first approach) को अपनाया है। उन्होंने हल्के बेस का इस्तेमाल किया, जिससे उनकी त्वचा प्राकृतिक और चमकदार दिख रही है। उनके गालों पर हल्का पीच (peach) कलर का ब्लश है, जो उनकी खूबसूरती में ताजगी जोड़ रहा है।

आंखों का मेकअप:

अनन्या ने अपनी आंखों पर सॉफ्ट और डिफाइंड मेकअप किया है। उन्होंने लैश लाइन के साथ हल्का आईलाइनर लगाया है, जिससे उनकी आंखें बड़ी और आकर्षक लग रही हैं।

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इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स: क्या ये वाकई सुरक्षित हैं? आप भी जानें इससे होने वाले फायदे और नुकसान

मुंबई, 21 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) गर्मियों के मौसम में और गहन शारीरिक गतिविधियों के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी होता है। आजकल बाजार में पाउडर वाले इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। ये ड्रिंक्स सुविधा के साथ-साथ तुरंत हाइड्रेशन का दावा करते हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये वाकई सुरक्षित हैं?

शरीर को सही ढंग से काम करने के लिए पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की जरूरत होती है। हालांकि, सादा पानी हाइड्रेशन का सबसे प्राकृतिक और बेहतरीन तरीका है, इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स उन खास स्थितियों में फायदेमंद हो सकते हैं जब शरीर से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ और मिनरल बाहर निकल जाते हैं। इसमें गहन व्यायाम, बीमारी या तेज गर्मी शामिल हैं। ये पाउडर वाले ड्रिंक्स, जिन्हें अक्सर "बोतल में IV" कहा जाता है, स्पोर्ट्स ड्रिंक्स का एक आधुनिक संस्करण हैं, जिसमें कम चीनी और बेहतर फार्मूला होता है।

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यात्रा के दौरान कब्ज: एक आम लेकिन अनचाही समस्या के बारे में आप भी जानें

मुंबई, 22 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) छुट्टियों के दौरान लोग अक्सर आराम करना और बाहर का खाना खाना पसंद करते हैं, लेकिन यही आदतें पाचन तंत्र को बिगाड़ सकती हैं। डॉक्टर अश्विन पोरवाल के अनुसार, यात्रा के दौरान कब्ज होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

डिहाइड्रेशन (पानी की कमी): यात्रा के दौरान हम अक्सर कम पानी पीते हैं। शरीर में पानी की कमी से मल सूख जाता है, जिससे कब्ज हो जाती है।

खराब खान-पान: छुट्टियों में जंक फूड, पेस्ट्री और कॉकटेल का सेवन बढ़ जाता है, जबकि फाइबर युक्त भोजन जैसे फल और सलाद की मात्रा घट जाती है।

दिनचर्या में बदलाव: खाने का समय अनियमित हो जाना, सोने के घंटे बदलना और लंबे समय तक बैठे रहना पाचन क्रिया को धीमा कर देता है।

प्रोसेस्ड फूड का सेवन: शक्कर, फैट और रिफाइंड कार्ब्स से भरपूर भोजन आंतों की "गति" को कम कर देता है।

कब्ज से बचने के उपाय:

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जब आपका सबसे अच्छा दोस्त आपके पार्टनर के साथ फ्लर्ट करे तो क्या करें? आप भी जानें

मुंबई, 22 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) किसी भी व्यक्ति के जीवन में दोस्ती और प्यार दोनों का ही विशेष महत्व होता है। एक दोस्त और एक पार्टनर, ये दोनों रिश्ते हमारी जिंदगी को पूरा करते हैं। लेकिन क्या हो जब ये दोनों रिश्ते आपस में टकराने लगें? अगर आपका सबसे अच्छा दोस्त आपके पार्टनर के साथ फ्लर्टिंग करता नजर आए तो यह स्थिति आपके लिए भावनात्मक रूप से बेहद परेशान करने वाली हो सकती है। यह न केवल आपके रिश्ते पर, बल्कि आपकी दोस्ती पर भी सवाल खड़े कर देता है।

यह एक भावनात्मक चुनौती है

यह एक ऐसी स्थिति है जो किसी भी व्यक्ति को मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर कर सकती है। यह विश्वास, सम्मान और अपनेपन जैसे संवेदनशील सवालों को जन्म देती है। जब आप अपने सबसे करीबी लोगों पर विश्वास नहीं कर पाते, तो यह स्थिति काफी दर्दनाक होती है। इस तरह के मामलों में, किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले स्थिति का सही आकलन करना महत्वपूर्ण है।

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चमगादड़ों की खासियत: वे "आवाज़ से देख सकते हैं" — जानिए कैसे करती हैं ये कमाल

मुंबई, 20 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) कल्पना कीजिए, जब आप पूरी तरह अंधेरे में हों और फिर भी बिना किसी परेशानी के रास्ता खोज लें। यही खासियत है कई चमगादड़ प्रजातियों की, जो अपनी अनोखी क्षमता ‘इकोलोकेशन’ यानी जैविक सोनार की मदद से देख सकती हैं।

इकोलोकेशन — आवाज़ से देखने की कला

अधिकांश माइक्रोबैट्स अपने गले से 20–200kHz की हाई-फ्रीक्वेंसी अल्ट्रासोनिक आवाजें निकालती हैं, जिन्हें मुंह या नाक के ज़रिए बाहर फेंका जाता है। ये ध्वनि तरंगें जब वस्तुओं से टकराती हैं, तो उनकी गूंज लौटती है, जिसे चमगादड़ों का दिमाग तुरंत डिकोड करता है। इसी ग़ूंज से वे अपने आसपास की दुनिया का नक्शा बनाती हैं — अंधेरे में किसी वस्तु की दूरी, आकार, बनावट, गति और यहां तक कि उसकी सतह को भी महसूस कर लेती हैं।

अद्भुत शिकार कौशल

‘इकोलोकेशन’ की मदद से चमगादड़ न केवल रास्ते क Read more...

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