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"मैं रात भर रोती थी, लेकिन हार नहीं मानी": विद्या बालन ने साझा किया अपने करियर का सबसे बुरा दौर

मुंबई, 15 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री विद्या बालन, जो आज अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जानी जाती हैं, ने हाल ही में अपने करियर के उस 'अंधेरे दौर' के बारे में खुलकर बात की है जब उन्हें लगातार असफलता और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

संघर्ष के वो दिन: जब हाथ से निकल गई थीं 12 फिल्में

विद्या ने बताया कि उनके करियर की शुरुआत बेहद चुनौतीपूर्ण रही। एक समय ऐसा था जब उन्हें 12 फिल्मों से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने उस दर्द को याद करते हुए कहा:

"मैं अक्सर रोते हुए सोने जाती थी। मुझे लगता था कि शायद मेरे लिए रास्ते बंद हो गए हैं। लेकिन अगले दिन मैं फिर से एक नई उम्मीद के साथ उठती थी।"

चेन्नई की वो घटना जिसने झकझोर दिया

विद्या ने एक पुरानी घटना साझा की जब उन्हें एक तमिल फिल्म से रिप्लेस किया गया था। उ Read more...

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'जान है तो जहान है': द्वारका के मशहूर डॉक्टर ने बताए वो 6 टेस्ट, जो हर 6 महीने में कराने हैं जरूरी—भले ही आप बिल्कुल ठीक...

मुंबई, 30 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अक्सर लोग डॉक्टर के पास तभी जाते हैं जब वे बीमार महसूस करते हैं। लेकिन दिल्ली के द्वारका स्थित वरिष्ठ मधुमेह विशेषज्ञ (Diabetologist) डॉ. बृजमोहन अरोड़ा का मानना है कि स्वस्थ महसूस करने का मतलब यह नहीं है कि आपके शरीर के अंदर सब कुछ ठीक है। उन्होंने हाल ही में एक महत्वपूर्ण "6-टेस्ट चेकलिस्ट" साझा की है, जिसे हर व्यक्ति को हर 6 महीने में करवाना चाहिए।

क्यों जरूरी हैं ये टेस्ट?

डॉ. अरोड़ा के अनुसार, मेटाबॉलिज्म और अंगों से जुड़ी कई बीमारियां 'साइलेंट' होती हैं, यानी उनके लक्षण तब तक सामने नहीं आते जब तक कि अंग काफी हद तक प्रभावित न हो जाएं। नियमित जांच से इन समस्याओं को शुरुआती चरण में ही पकड़ा जा सकता है, जिससे इलाज आसान और कम खर्चीला हो जाता है।

वो 6 जरूरी टेस्ट जो आपको कराने चाहिए:
  • HbA1c: यह पिछले तीन महीनों के औसत ब्लड शुगर लेवल Read more...

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सावधान! आपकी रसोई में मौजूद ये 5 चीजें बन सकती हैं आपकी बिल्ली के लिए 'जहर', भूलकर भी न खिलाएं

मुंबई, 29 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अक्सर हम प्यार में आकर वही चीजें अपने पालतू जानवरों को भी खिला देते हैं जो हम खुद खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी रसोई में मौजूद कुछ सामान्य खाद्य पदार्थ आपकी बिल्ली के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं? हाल ही में पशु विशेषज्ञों ने ऐसे 5 मानवीय खाद्य पदार्थों की सूची साझा की है, जिन्हें बिल्लियों की डाइट से कोसों दूर रखना चाहिए।

1. चॉकलेट (Chocolate)

विशेषज्ञों के अनुसार, चॉकलेट बिल्लियों के लिए सबसे जहरीली चीजों में से एक है। इसमें मिथाइलक्सैन्थिन (Methylxanthines) नामक तत्व होते हैं (जैसे थियोब्रोमाइन और कैफीन), जो बिल्लियों के शरीर के लिए घातक हैं। इसे खाने से बिल्ली को दस्त, उल्टी, दौरे पड़ना, दिल की धड़कन असामान्य होना और यहाँ तक कि मृत्यु भी हो सकती है। चॉकलेट जितनी डार्क होगी, वह उतनी ही अधिक खतरनाक है।

2. अंगूर और किशमिश (Grapes and Raisins)Read more...

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विक्टोरिया बेकहम ने साझा किए अपनी शादी के राज: कहा- '26 साल में अगर आप नहीं बदले, तो समस्या है'

मुंबई, 15 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) दुनिया के सबसे चर्चित जोड़ों में से एक, विक्टोरिया बेकहम और पूर्व फुटबॉलर डेविड बेकहम की शादी को 26 साल पूरे हो चुके हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू और अपनी नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री के दौरान विक्टोरिया ने उन सीखों के बारे में बात की है, जिन्होंने उनके रिश्ते को समय की कसौटी पर खरा उतारा।

बदलाव ही विकास की कुंजी है

विक्टोरिया ने एक गहरी बात साझा करते हुए कहा कि एक लंबे रिश्ते में बदलाव बेहद जरूरी है। उनके अनुसार:

"यदि आप 26 साल की शादी के बाद भी वही इंसान हैं जो आप शुरुआत में थे, तो इसका मतलब है कि कहीं न कहीं समस्या है। एक साथ आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि आप एक पार्टनर और एक व्यक्ति के रूप में विकसित (evolve) हों।"

चुनौतियों का मिलकर सामना

अतीत में रहे कथित अफेयर के दावों और मीडिया क Read more...

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जापानी दर्शन 'Mono no Aware' कैसे बदल सकता है आपके काम करने का अंदाज़, आप भी जानें

मुंबई, 30 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) आज की भागदौड़ भरी 'हसल कल्चर' (Hustle Culture) और काम के दबाव के बीच, जापानी दर्शन 'Mono no Aware' (मोनो नो अवेयर) कैरियर में सार्थकता और मानसिक शांति खोजने का एक नया रास्ता दिखा रहा है।

क्या है 'Mono no Aware'?

इसका शाब्दिक अर्थ है "चीजों का मर्म" या "अनित्यता के प्रति जागरूकता"। यह दर्शन हमें सिखाता है कि जीवन और अनुभव क्षणभंगुर (temporary) हैं। जैसे चेरी ब्लॉसम के फूलों का गिरना उदासी के साथ-साथ उनकी सुंदरता का भी एहसास कराता है, वैसे ही यह दर्शन हमें समय के बीतने और बदलाव को स्वीकार करना सिखाता है।

कार्यस्थल (Workplace) में यह कैसे मददगार है?
  • क्षणभंगुर पलों में अर्थ खोजना: काम केवल लक्ष्य पाने का जरिया नहीं, बल्कि खुद में एक अनुभव है। यह दर्शन हमें सिखाता है कि हम हर प्रोजेक्ट या चुनौती को पूरी जागरूकता के साथ स्वीकार क Read more...

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