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Himalayan Yoga Glow — हिमालय की शुद्ध परंपरा, विश्व-स्तरीय स्किनकेयर विज्ञान।

Leafoberryy ने भारत के ब्यूटी सेक्टर में एक बड़ा बदलाव लाते हुए पेश किया है भारत का पहला Himalayan Yoga Glow, एक ऐसाअनोखा फ़ॉर्म्यूलेशन, जो हिमालयी पर्वतों की प्राचीन सौंदर्य परंपराओं को आधुनिक स्किनकेयर साइंस की सटीकता के साथ जोड़ता है।

इस क्रांतिकारी निर्माण के केंद्र में हैं गज़ल कोठारी, Leafoberryy की फ़ाउंडर, सर्टिफाइड फ़ॉर्म्युलेटर और दूरदर्शी इनोवेटर। परंपरा और तकनीक केसुंदर मेल के लिए जानी जाने वाली गज़ल ने वर्षों तक वैश्विक ब्यूटी रिचुअल्स, पर्वतीय वनस्पतियों और योग व मेडिटेशन से प्रेरित स्किन-सूथिंगथेरेपीज़ का अध्ययन किया है। उनका उद्देश्य सरल परंतु क्रांतिकारी था, ऐसी स्किनकेयर बनाना जो हिमालय की शांति और माइंडफुल लिविंग कीचमक को रोज़मर्रा की भारतीय त्वचा तक पहुंचाए।

Himalayan Yoga Glow को वास्तव में पाथ-ब्रेकिंग बनाता है उसका इनग्रीडिएंट हेरिटेज। Leafoberryy तिब्बत से दुर्लभ बॉटैनिकल कंसंट्रेट्सप्राप्त करता है Read more...

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संतरे का सफेद गूदा (पिथ) न फेंकें, इसमें छिपा है सेहत का खजाना! आप भी जानें

मुंबई, 25 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) संतरे के गूदे के नीचे मौजूद सफेद, स्पंजी परत (जिसे पिथ या सफेदी कहते हैं) को अक्सर लोग फेंक देते हैं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह कड़वी परत दिखने में भले ही साधारण हो, मगर यह फाइबर और प्लांट कंपाउंड्स का एक बेहतरीन स्रोत है।

डॉक्टर्स के अनुसार, संतरे का पिथ फल के गूदे से भी अधिक फाइबर से भरपूर होता है। यह फाइबर पाचन को दुरुस्त रखता है, आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, और शरीर में शुगर के अवशोषण को धीमा करता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है।

इतना ही नहीं, यह सफेद हिस्सा फ्लेवोनॉयड्स (जैसे हेस्पेरिडिन और नारिंगिन) से भी समृद्ध होता है। ये एंटीऑक्सीडेंट्स दिल और रक्त वाहिकाओं की सुरक्षा करते हैं, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं, और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि स्वास्थ्य लाभ पा Read more...

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सेहतमंद रहने के लिए सर्दियों में जल्दी खाएं रात का खाना, ब्लड शुगर और फैट बर्निंग पर पड़ता है बड़ा असर: रिसर्च

मुंबई, 24 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) सर्दियां आते ही दिन छोटे हो जाते हैं और रातें लंबी। इस मौसम में हमारे शरीर की प्राकृतिक लय (Natural Rhythm) बदल जाती है, और हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि रात के खाने का समय (Dinner Timing) आपकी सेहत, वजन और नींद पर बहुत गहरा असर डालता है।

क्रोनोन्यूट्रिशन (Chrononutrition) नामक शोध के क्षेत्र में बढ़ती रिसर्च बताती है कि हम क्या खाते हैं, इससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि हम किस समय खाते हैं।

शरीर की आंतरिक घड़ी और मेटाबॉलिज्म

हमारा शरीर सर्केडियन लय (Circadian Rhythms) नामक एक 24 घंटे की आंतरिक घड़ी पर काम करता है, जो नींद, पाचन और मेटाबॉलिज्म (चयापचय) को नियंत्रित करती है।

यह लय प्राकृतिक रूप से रोशनी और अंधेरे के साथ तालमेल बिठाती है।

सर्दियों में जब दिन जल्दी ढलता है, तो रोशनी कम होने के कारण हमारा मेटाबॉलिज्म भी धीरे-धीरे धीमा होने लगत Read more...

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अरबपति नेत्र मंटेना और वामसी गादीराजू की उदयपुर में हुई शाही शादी: रणवीर, माधुरी और जस्टिन बीबर ने जमाया रंग!

मुंबई, 24 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारत-अमेरिकी अरबपति कारोबारी रामा राजू मंटेना की बेटी नेत्र मंटेना और सुपरऑर्डर (Superorder) के सह-संस्थापक वामसी गादीराजू की शाही शादी इस सीजन की सबसे चर्चित वेडिंग बन गई है। राजस्थान के उदयपुर में चल रहा यह भव्य समारोह किसी फेयरीटेल (परियों की कहानी) से कम नहीं है, जिसमें बॉलीवुड से लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत के सितारों ने शिरकत की।

भव्य वेन्यू और बॉलीवुड का जलवा

यह डेस्टिनेशन वेडिंग लीला पैलेस, ताज लेक पैलेस और सिटी पैलेस के मानिक चौक जैसे शानदार स्थानों पर आयोजित की गई, जहाँ पिछोला झील और सफेद संगमरमर की वास्तुकला ने एक सुंदर और शाही पृष्ठभूमि तैयार की।

संगीत की रात

शुक्रवार की रात सिटी पैलेस के मानिक चौक में आयोजित संगीत समारोह सबसे ज़्यादा चर्चा में रहा। इसमें बॉलीवुड के बड़े सितारों ने धमाकेदार परफॉर्मेंस दी:

सुपरस्टार रणवीर Read more...

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30 की उम्र में हम अपने माता-पिता की आदतों को क्यों दोहराते हैं? आप भी जानें क्या कहता है मनोविज्ञान

मुंबई, 25 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) क्या आपने कभी खुद को पुराने प्लास्टिक के डिब्बे धोते हुए, अमेज़न के खाली बॉक्स सहेजते हुए, या अपने माता-पिता की तरह 'फालतू' खर्च पर तुरंत लाइट बंद करते हुए पकड़ा है? जिस आदत पर आप बचपन में हँसते थे, 30 की उम्र (Midlife) आते-आते वही आदतें खुद में देखकर हैरान मत होइए। मनोविज्ञान कहता है कि ऐसा होने के पीछे एक गहरा कारण है।

📦 चीज़ें सहेजने की आदत

परामर्शदाता गौरव सोलंकी जैसे कई लोग मानते हैं कि वे बचपन में माता-पिता के हर प्लास्टिक के डिब्बे, पुराने बोतल या अखबार सहेजने पर हँसते थे, लेकिन अब वे खुद 'अच्छी क्वालिटी' के कहकर अमेज़न के डिब्बों या प्रीमियम पेपर बैग्स का ढेर लगाते हैं।

मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि यह प्रवृत्ति केवल भौतिक चीज़ों तक सीमित नहीं है; यह अब डिजिटल क्लटर (Digital Clutter) जैसे कि सैकड़ों स्क्रीनशॉट, बच्चे की तस्वीरें, और ऐसे वीडियो को फोन में सहेजने के रूप Read more...

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