India

मुंबई विधानसभा में बड़ा खुलासा: नालों और मैंग्रोव पर अवैध बस्तियों का जाल, विदेशी नागरिकों के बसने का आरोप

मुंबई में अवैध बस्तियों के विस्तार को लेकर विधानसभा में गंभीर और चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। शहर के कई संवेदनशील इलाकों—खासकर बड़े नालों, मैंग्रोव तथा सरकारी जमीनों—पर भारी पैमाने पर भराव कर झोपड़पट्टियां बसाने का मामला उजागर हुआ है। ये जानकारी बीजेपी विधायक मिहीर कोटेचा ने ‘लक्षवेधी सूचना’ के तहत विधानसभा में प्रस्तुत की। उनके अनुसार इन बस्तियों में न सिर्फ स्थानीय लोग, बल्कि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और अन्य विदेशी नागरिकों को भी संगठित रूप से बसाया जा रहा है।

राजनीतिक संरक्षण और दलाली का गंभीर आरोप

विधायक मिहीर कोटेचा ने आरोप लगाया कि अवैध झोपड़पट्टियों का यह फैलाव किसी आकस्मिक प्रक्रिया का नतीजा नहीं, बल्कि इसके पीछे संगठित दलाली और राजनीतिक संरक्षण की मजबूत भूमिका है। उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्रों में अतिक्रमण की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और यह न सिर्फ मुंबई की पर्यावरणीय सुरक्षा को खतरे में डालता है बल्कि कानून-व्यवस्था क Read more...

पति पर पेट्रोल छिड़क लगा दी आग…दरवाजा बंद कर भागी पत्नी; रायपुर में तड़प-तड़प कर युवक की मौत

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. डीडी नगर थाना क्षेत्र के रदाखिना गांव में मामूली घरेलू विवाद ने इतना खौफनाक रूप ले लिया कि पत्नी ने गुस्से में अपने पति पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. आग से बुरी तरह झुलसे अरुण पटवा (45) ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. पुलिस ने आरोपी पत्नी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

भतीजी की शादी से लौटने के बाद शुरू हुआ विवाद

मिली जानकारी के अनुसार, अरुण पटवा उसी दिन अपनी भतीजी की शादी में शामिल होकर देर रात घर लौटे थे. घर पहुंचने के बाद किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच दोबारा जोरदार झगड़ा शुरू हो गया. मृतक के परिजनों का कहना है कि अरुण विवाद को शांत करने के बाद सोने के लिए चले गए थे, लेकिन उनकी पत्नी की नाराजगी वहीं खत्म नहीं हुई थी.

आरोप है कि उसी दौरान, पत्नी ने सोते हुए अरुण पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और तुरं Read more...

क्या भारत में तेजी से कम हो रहा है पीने का पानी? ग्राउंड वाटर पर सरकार ने संसद में रखे ये आंकड़े

भारत इस समय एक ऐसे संकट के मुहाने पर खड़ा है जो शोर नहीं मचाता, लेकिन जिसकी आहट डरावनी है। यह संकट है—तेजी से खत्म होता भूजल (Groundwater)। संसद में सरकार द्वारा पेश किए गए हालिया आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का हिस्सा भी आज ही खर्च कर रहे हैं। बिना किसी आपातकाल की घोषणा के, भारत के कई हिस्सों में 'डे जीरो' (जब नल से पानी आना बंद हो जाए) जैसी स्थिति बन रही है।

आंकड़ों की जुबानी: पानी का बजट और खर्च

सरकारी आकलन के अनुसार, भारत में प्रतिवर्ष वर्षा और अन्य प्राकृतिक स्रोतों से जमीन के नीचे लगभग 448 अरब घन मीटर (BCM) पानी का पुनर्भरण (Recharge) होता है। हालांकि, तकनीकी सीमाओं के कारण इसमें से केवल 407 BCM ही इस्तेमाल के योग्य माना जाता है।

चिंताजनक बात यह है कि साल 2025 में भारत ने अपनी कुल क्षमता का लगभग 61 प्रतिशत, यानी 247 अरब घन मीटर भूजल निकाल लिया है। देखने में 61 प्रतिशत का आंकड़ा सुरक्षित लग सकता है, लेकिन क्षेत्रीय Read more...

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