India

नासिक में लगातार बढ़ रही बच्चों की असमय मौतें, निर्माण स्थलों की लापरवाही बनी खतरा

महाराष्ट्र के नासिक शहर में हाल के महीनों में बच्चों की दर्दनाक और असमय मौतों ने पूरे प्रशासन और समाज को झकझोर कर रख दिया है। शहर में अधिकतर घटनाएं कंस्ट्रक्शन साइट्स पर हो रही हैं, जहां सुरक्षा इंतजाम नाम मात्र के हैं। इन घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि मजदूर परिवारों के बच्चों के लिए न तो सुरक्षा दीवार है, न निगरानी और न ही कोई सुरक्षित खेलने की जगह।

अश्विननगर की घटना: 3 साल के कार्तिक की दर्दनाक मौत

सबसे ताज़ा मामला नासिक के अश्विननगर इलाके से सामने आया है। 8 अक्टूबर को पाथर्डी फाटा के पास एक प्रतिष्ठित कॉलेज के समीप चल रहे निर्माण कार्य स्थल पर 3 साल के कार्तिक की मौत गर्म पानी से झुलसने के कारण हुई। कार्तिक के परिवार के सदस्य मजदूरी कर रहे थे और काम के दौरान परिवार ने नहाने के लिए गर्म पानी का पैन पास में रख दिया था। खेलते-खेलते कार्तिक वहां पहुंचा और अचानक उसी गर्म पैन पर बैठ गया, जिससे उसका शरीर बुरी तरह जल गया।

बच्चे को तुरंत सिडको अस्पताल ले जाय Read more...

पति पर पेट्रोल छिड़क लगा दी आग…दरवाजा बंद कर भागी पत्नी; रायपुर में तड़प-तड़प कर युवक की मौत

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. डीडी नगर थाना क्षेत्र के रदाखिना गांव में मामूली घरेलू विवाद ने इतना खौफनाक रूप ले लिया कि पत्नी ने गुस्से में अपने पति पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. आग से बुरी तरह झुलसे अरुण पटवा (45) ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. पुलिस ने आरोपी पत्नी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

भतीजी की शादी से लौटने के बाद शुरू हुआ विवाद

मिली जानकारी के अनुसार, अरुण पटवा उसी दिन अपनी भतीजी की शादी में शामिल होकर देर रात घर लौटे थे. घर पहुंचने के बाद किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच दोबारा जोरदार झगड़ा शुरू हो गया. मृतक के परिजनों का कहना है कि अरुण विवाद को शांत करने के बाद सोने के लिए चले गए थे, लेकिन उनकी पत्नी की नाराजगी वहीं खत्म नहीं हुई थी.

आरोप है कि उसी दौरान, पत्नी ने सोते हुए अरुण पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और तुरं Read more...

Yearender: साल 2025 के चुनावी समर में कौन बना सबसे बड़ा खिलाड़ी, किसके खाते आई सबसे बड़ी जीत

साल 2025 भारतीय राजनीति के लिए कई मायनों में निर्णायक रहा. जहां कांग्रेस के लिए यह साल निराशाजनक साबित हुआ, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले एनडीए (NDA) गठबंधन की सत्ता का दायरा और मजबूत हुआ. इस साल दिल्ली और बिहार में हुए विधानसभा चुनावों ने राजनीतिक दलों को स्पष्ट संदेश दिया. दिल्ली में बीजेपी लंबे इंतजार के बाद सत्ता में लौटी, तो बिहार में एनडीए अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रही. इन चुनावों के साथ-साथ, कई राज्यों की 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों ने भी परिणाम के लिहाज से चौंकाया.

दिल्ली विधानसभा: AAP की सबसे बड़ी, BJP की सबसे छोटी जीत

70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा चुनाव (2025) के परिणाम सबसे दिलचस्प रहे, जिसमें सबसे बड़ी और सबसे छोटी जीत का अंतर साफ देखने को मिला:

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मेरा गाँव मेरा देश

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