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अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर का भाई हैदराबाद से गिरफ्तार: 25 साल पुरानी निवेश धोखाधड़ी का मामला

मध्य प्रदेश पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई में अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी के छोटे भाई हमूद अहमद सिद्दीकी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। हमूद पिछले लगभग 25 सालों से फरार चल रहा था और उस पर 10 हज़ार रुपये का इनाम भी घोषित था। उसकी गिरफ्तारी कई साल पुराने, लंबित चल रहे तीन गंभीर निवेश धोखाधड़ी के मामलों में की गई है।

25 साल पुरानी धोखाधड़ी की कहानी

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हमूद अहमद सिद्दीकी पर मध्य प्रदेश के महू में लगभग 1995 के आसपास लोगों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप है।

  • निवेश कंपनी: हमूद ने महू में एक फर्जी निवेश कंपनी शुरू की थी।

  • लालच: उसने भोले-भाले लोगों को उनके जमा किए गए पैसे पर 20% तक का भारी ब्याज देने का लालच दिया। पुलिस के मुताबिक, उसने "फर्जी बैंक" बनाकर लोगों को पैसे दोगुने करने के सपने दिखाए।

  • फरार: उसकी यह कंपनी लगभग दो साल तक चली, लेकि Read more...

दिल्ली ब्लास्ट मामले में तीसरी कार का खुलासा, जांच में बड़ा मोड़

दिल्ली ब्लास्ट मामले में अब जांच नई दिशा में बढ़ती दिख रही है। लाल किले के पास हुए धमाके के बाद दो कारों—आई20 और लाल रंग की इको स्पोर्ट्स—की तलाश में जुटी सुरक्षा एजेंसियों को अब तीसरी कार की जानकारी मिली है। सूत्रों के अनुसार, जांच में पता चला है कि संदिग्ध आतंकियों ने एक ब्रिजा (Brezza) कार का भी इस्तेमाल किया था। पुलिस ने इस सुराग के आधार पर फरीदाबाद में कई स्थानों पर छापेमारी की और घंटों की मशक्कत के बाद यह कार अल-फलाह यूनिवर्सिटी के परिसर से बरामद कर ली गई है।

जानकारी के अनुसार, ब्रिजा कार को डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल चला रहे थे, जो इस हमले की साजिश में शामिल बताए जा रहे हैं। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि इस कार के जरिए विस्फोट से पहले और बाद में आतंकी मूवमेंट हुआ था। जांच एजेंसियां अब इस गाड़ी से मिले डिजिटल सबूतों, फिंगरप्रिंट्स और GPS डेटा को खंगाल रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमाके की योजना कहां और कब बनाई गई थी।

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'ज्योतिष से पूछो...', कर्नाटक सरकार में फेरबदल के सवाल पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने क्यों कहा ऐसा?

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) डीके शिवकुमार एक बार फिर अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में हैं। राज्य में कांग्रेस सरकार का आधा कार्यकाल पूरा होने के कारण कैबिनेट में संभावित बदलाव और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज़ हैं। इन अटकलों के बीच, शिवकुमार ने महत्वाकांक्षी विधायकों का खुलकर समर्थन किया, लेकिन खुद के मुख्यमंत्री बनने के सवाल को ज्योतिषियों के पाले में डाल दिया। पिछले कुछ दिनों से, कर्नाटक के कई विधायक खुलेआम मंत्री बनने की इच्छा ज़ाहिर कर रहे हैं। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, "अगर कोई विधायक महत्वाकांक्षी है, तो इसमें क्या बुराई है? मुख्यमंत्री के पास विधायकों को मंत्री बनाने का विकल्प होता है। जो पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, उन सभी की महत्वाकांक्षा होती है। क्या हम इसे गलत ठहरा सकते हैं? उन्होंने पार्टी के लिए काफी संघर्ष और त्याग किया है।" शिवकुमार का यह बयान पार्टी के भीतर पनप रही इच्छाओं को वैधता प्रदान करता है।

नेतृ Read more...

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