India

नलबाड़ी में क्रिसमस बाजारों में तोड़फोड़ पर कांग्रेस का हमला, देबब्रत सैकिया ने असम सरकार को ठहराया जिम्मेदार

कांग्रेस नेता और असम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया ने नलबाड़ी जिले में क्रिसमस बाजारों में बजरंग दल के कथित सदस्यों द्वारा की गई तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार पर सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रहने का गंभीर आरोप लगाया है। सैकिया का कहना है कि इस तरह की घटनाएं राज्य में धार्मिक सद्भाव को कमजोर कर रही हैं और समाज को विभाजन की ओर धकेल रही हैं।

देबब्रत सैकिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नलबाड़ी में जो कुछ हुआ, वह असम की गंगा-जमुनी तहजीब और आपसी भाईचारे के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “यह घटना बेहद दुखद है और यह दिखाती है कि राज्य में धार्मिक सहिष्णुता किस तरह से खतरे में है। एक ओर प्रधानमंत्री दिल्ली में ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘सबको गले लगाने’ की बात करते हैं, यहां तक कि सांता क्लॉज की Read more...

पति पर पेट्रोल छिड़क लगा दी आग…दरवाजा बंद कर भागी पत्नी; रायपुर में तड़प-तड़प कर युवक की मौत

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. डीडी नगर थाना क्षेत्र के रदाखिना गांव में मामूली घरेलू विवाद ने इतना खौफनाक रूप ले लिया कि पत्नी ने गुस्से में अपने पति पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. आग से बुरी तरह झुलसे अरुण पटवा (45) ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. पुलिस ने आरोपी पत्नी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

भतीजी की शादी से लौटने के बाद शुरू हुआ विवाद

मिली जानकारी के अनुसार, अरुण पटवा उसी दिन अपनी भतीजी की शादी में शामिल होकर देर रात घर लौटे थे. घर पहुंचने के बाद किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच दोबारा जोरदार झगड़ा शुरू हो गया. मृतक के परिजनों का कहना है कि अरुण विवाद को शांत करने के बाद सोने के लिए चले गए थे, लेकिन उनकी पत्नी की नाराजगी वहीं खत्म नहीं हुई थी.

आरोप है कि उसी दौरान, पत्नी ने सोते हुए अरुण पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और तुरं Read more...

गुजरात को 33 साल बाद वापस मिला ये दर्जा, सरकार बोली- हर गुजराती के लिए गर्व की बात

वन्यजीव प्रेमियों और गुजरात के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। दशकों के लंबे इंतजार के बाद, गुजरात ने एक बार फिर भारत के 'बाघ मानचित्र' पर अपनी जगह बना ली है। 33 साल के लंबे अंतराल के बाद, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने आधिकारिक तौर पर गुजरात को उन राज्यों की सूची में फिर से शामिल कर लिया है जहाँ बाघों का वास है।


गुजरात: शेरों के बाद अब बाघों का भी बसेरा

गुजरात के उप मुख्यमंत्री हर्ष सांघवी ने 26 दिसंबर 2025 को इस सुखद समाचार की पुष्टि की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर गर्व के साथ साझा किया कि गुजरात अब भारत का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जो शेर (Asiatic Lions), तेंदुए (Leopards) और बाघ (Tigers) तीनों का प्राकृतिक घर है। यह उपलब्धि न केवल राज्य के वन विभाग की मेहनत को दर्शाती है, बल्कि भारत के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी एक बड़ा संकेत है।

33 साल का लंबा संघर्ष: 1992 से 2025 तक

गुजरात में बाघों का इतिहास काफी पुर Read more...

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