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श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के धमकी भरे पोस्टर, दिल्ली विस्फोट की साजिश से जुड़े डॉक्टरों का नेटवर्क उजागर

दिल्ली के लाल किला धमाके की जांच अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। जांच एजेंसियां हर एंगल से सुराग जुटाने में लगी हैं, और इसी क्रम में श्रीनगर में लगे एक जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर से बड़ा खुलासा हुआ है। यह पोस्टर एक ऐसे नेटवर्क से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है, जिसमें आतंकी संगठन से संबंध रखने वाले डॉक्टर और मेडिकल छात्र शामिल हैं।

जैश से जुड़ा डॉक्टरों का नेटवर्क

जांच एजेंसियों को जो सुराग मिले हैं, उनके अनुसार, श्रीनगर में अक्टूबर महीने में कुछ पोस्टर लगाए गए थे जिन पर उर्दू में धमकी भरे संदेश लिखे थे। इन पोस्टरों में सुरक्षा बलों और “बाहरी लोगों” पर बड़े हमलों की चेतावनी दी गई थी। जांच के दौरान पता चला कि यह काम जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े डॉ. अदील अहमद राठेर ने किया था। राठेर को पोस्टर लगाते हुए भी देखा गया था।

पोस्टर में क्या लिखा था?

पोस्टर पर उर्दू में लिखा गया था –
“हमें उम्मीद है कि आप सब कुशल-मंगल होंगे और हमने जो कहा Read more...

दिल्ली ब्लास्ट मामले में तीसरी कार का खुलासा, जांच में बड़ा मोड़

दिल्ली ब्लास्ट मामले में अब जांच नई दिशा में बढ़ती दिख रही है। लाल किले के पास हुए धमाके के बाद दो कारों—आई20 और लाल रंग की इको स्पोर्ट्स—की तलाश में जुटी सुरक्षा एजेंसियों को अब तीसरी कार की जानकारी मिली है। सूत्रों के अनुसार, जांच में पता चला है कि संदिग्ध आतंकियों ने एक ब्रिजा (Brezza) कार का भी इस्तेमाल किया था। पुलिस ने इस सुराग के आधार पर फरीदाबाद में कई स्थानों पर छापेमारी की और घंटों की मशक्कत के बाद यह कार अल-फलाह यूनिवर्सिटी के परिसर से बरामद कर ली गई है।

जानकारी के अनुसार, ब्रिजा कार को डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल चला रहे थे, जो इस हमले की साजिश में शामिल बताए जा रहे हैं। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि इस कार के जरिए विस्फोट से पहले और बाद में आतंकी मूवमेंट हुआ था। जांच एजेंसियां अब इस गाड़ी से मिले डिजिटल सबूतों, फिंगरप्रिंट्स और GPS डेटा को खंगाल रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमाके की योजना कहां और कब बनाई गई थी।

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Bihar Result: मुस्लिम वोटर्स का मोह भंग! सीमांचल में महागठबंधन का बुरा हाल, 24 में से मिली 5 सीट, इस जिले में नहीं खुला ...

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन, सत्ता में वापसी की उम्मीद के साथ उतरा था, लेकिन परिणाम उसके लिए एक बुरे सपने की तरह रहे। इस चुनाव में महागठबंधन ने अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के मुख्य जनाधार माने जाने वाले यादव और मुस्लिम (M-Y) वोटर्स का समीकरण अब उनके साथ नहीं रहा। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी महागठबंधन का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, और कई जिलों में उसका खाता तक नहीं खुल सका।

आरजेडी और कांग्रेस को भारी नुकसान

महागठबंधन में शामिल प्रमुख दलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है:

  • आरजेडी (RJD): पिछले चुनाव (2020) में 75 सीटों पर जीत हासिल करने वाली आरजेडी को इस बार 50 सीटों का भारी नुकसान हुआ और वह महज 25 सीटों पर सिमट गई।

  • कांग्रेस (Congress): पिछली बार 19 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार केवल 6 सीटों पर सिमट गई।

अन्य सहयोगी दलों को Read more...

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