गुजरात को 33 साल बाद वापस मिला ये दर्जा, सरकार बोली- हर गुजराती के लिए गर्व की बात
वन्यजीव प्रेमियों और गुजरात के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। दशकों के लंबे इंतजार के बाद, गुजरात ने एक बार फिर भारत के 'बाघ मानचित्र' पर अपनी जगह बना ली है। 33 साल के लंबे अंतराल के बाद, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने आधिकारिक तौर पर गुजरात को उन राज्यों की सूची में फिर से शामिल कर लिया है जहाँ बाघों का वास है।
गुजरात: शेरों के बाद अब बाघों का भी बसेरा
गुजरात के उप मुख्यमंत्री हर्ष सांघवी ने 26 दिसंबर 2025 को इस सुखद समाचार की पुष्टि की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर गर्व के साथ साझा किया कि गुजरात अब भारत का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जो शेर (Asiatic Lions), तेंदुए (Leopards) और बाघ (Tigers) तीनों का प्राकृतिक घर है। यह उपलब्धि न केवल राज्य के वन विभाग की मेहनत को दर्शाती है, बल्कि भारत के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी एक बड़ा संकेत है।
33 साल का लंबा संघर्ष: 1992 से 2025 तक
गुजरात में बाघों का इतिहास काफी पुर Read more...