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अजय देवगन का दिलजीत दोसांझ विवाद पर जवाब: "सिर्फ बातचीत की ज़रूरत है"

अपनी आने वाली फिल्म सन ऑफ सरदार 2 के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर सुपरस्टार अजय देवगन ने दिलजीत दोसांझ को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। दिलजीत को एक पाकिस्तानी अभिनेत्री के साथ काम करने के लिए ट्रोल किया जा रहा है, जिस पर अजय ने संतुलित और समझदारी भरा जवाब दिया।

जब मीडिया ने इस मुद्दे पर अजय से सवाल किया, तो उन्होंने शांत लहजे में कहा,“मुझे नहीं पता ये ट्रोलिंग कहां से आती है, या क्या सही है, क्या ग़लत। मैं उसकी जगह नहीं हूं, तो कुछ कह नहीं सकता। हो सकता है उसकी अपनी कोई परेशानी हो, और जो लोग इसके खिलाफ बोल रहे हैं, उनकी भी अपनी सोच हो।”

उन्होंने आगे कहा,“जब दो अलग-अलग सोच होती हैं, तो आप बैठकर बात कर सकते हैं और चीज़ें सुलझ सकती हैं। लेकिन अगर हर कोई अपनी ही सोच में अटका रहे, और एक-दूसरे को समझने की कोशिश न करे, तो फिर कुछ नहीं होता।”

अजय ने किसी पक्ष को दोष दिए बिना अपनी बात पूर Read more...

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NEET के बाद UPPSC परीक्षा में भी संकट: रिश्वतखोरी के आरोपों से परीक्षा की ईमानदारी पर सवाल, जांच जारी

उत्तर प्रदेश में पीसीएस न्यायिक परीक्षा में धांधली हुई थी। मुख्य परीक्षा में 50 उत्तर पुस्तिकाएं बदल दी गई थीं। यूपी लोक सेवा आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में माना कि परीक्षा में धांधली हुई थी। आयोग पर पीसीएस उत्तर पुस्तिकाएं बदलने और रिश्वत के बदले अभ्यर्थियों को पास करने के आरोप हैं।यूपी में अधीनस्थ न्यायालयों में जजों की नियुक्ति पीसीएस न्यायिक परीक्षा के जरिए होती है। यूपी लोक सेवा आयोग ने कोर्ट में माना कि गलत कोडिंग करके उत्तर पुस्तिकाएं बदली गई थीं।

इस घटना में तीन जूनियर अफसरों को निलंबित कर दिया गया। हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 8 जुलाई को है।उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस जे अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका बदलने के कथित मामले में पांच अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। यूपीपीएससी सचिव अशोक कुमार ने बताया कि जांच में लापरवाही बरतने पर अनुभाग अधिकारी शिवशंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया गया है।

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मोहन आलोक और हरिवंश राय बच्चन - साहित्यिक बंधन जो फेम से परे था

2024 खत्म होने को है और नया साल आ रहा है, हम एक नई श्रृंखला की शुरुआत कर रहे हैं, जो भारत के दिल से जुड़े उन साहित्यिक सितारों कोसमर्पित है, जिन्होंने डिजिटल फेम का पीछा नहीं किया, लेकिन अपनी कविताओं, कथाओं और लोककथाओं के माध्यम से साहित्य को एक नईऊँचाई तक पहुँचाया। इनमें से एक महान नाम है मोहन आलोक, जो हाल ही में हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी साहित्यिक धरोहर आज भी जीवितहै। राजस्थान के इस प्रख्यात कवि और कहानीकार ने अपने शब्दों से राजस्थान की संस्कृति को नए सिरे से जीवित किया और अनगिनत किताबों केरूप में अमिट छाप छोड़ी।

मोहन आलोक का काम डिजिटल युग के शोर से परे था। उन्हें सोशल मीडिया की जरूरत नहीं थी, क्योंकि उनकी कविताएँ अपने आप में पूरी थीं।उनका प्रसिद्ध कविता संग्रह 'G-geet' उन्हें 1983 में केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार दिलाने में सफल रहा। रचनात्मकता की दिशा में उनकी राह मेंहमेशा एक अडिग मार्गदर्शक रहे—हरिवंश राय बच्चन। मोहन आल Read more...

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