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बाजार में बढ़त जारी, सेंसेक्स और निफ्टी सीधी चाल से हरे निशान पर बंद

शेयर बाजार आज फिर बढ़त के साथ बंद हुआ है। हालांकि अभी भी गति कल जितनी नहीं है, फिर भी यह राहत देने वाली बात है कि बाजार हरे निशान पर बंद हो रहा है। यह बढ़त इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज बाजार में गिरावट की आशंका थी। दरअसल, कल अमेरिकी बाजार लाल था, जिसका असर भारतीय बाजार पर पड़ने की संभावना थी। इसका बाजार पर कुछ असर जरूर पड़ा, लेकिन अच्छी बात यह रही कि भारतीय बाजार अमेरिका की तरह लाल निशान में बंद नहीं हुआ।

ऐसा था प्रदर्शन
शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन कारोबार के अंत तक यह हरे निशान पर लौट आया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 147.79 अंक उछलकर 75,449.05 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 73.30 अंक मजबूत होकर 22,907.60 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में टाटा स्टील आज सबसे अधिक 2.58% की बढ़त हासिल करने में सफल रही। इसके बाद ज़ोमैटो और पावर ग्रिड का नंबर था। अडानी पोर्ट्स भी 1% से अधिक की बढ़त के साथ बंद Read more...

UPS पर अपडेट के बाद सबसे बड़ा सवाल, क्या प्राइवेट कर्मचारियों को मिलेगी न्यूनतम 9000 पेंशन?

भारत में सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। यह अधिसूचना 1 अप्रैल 2025 से प्रभाव में आएगी और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन गारंटी करेगी। UPS के लागू होने से न केवल सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है, बल्कि यह सवाल भी जोर पकड़ रहा है कि क्या निजी क्षेत्र के करोड़ों कर्मचारियों को भी सरकार पेंशन सुरक्षा देगी?

UPS: सरकारी कर्मचारियों के लिए नई उम्मीद

केंद्र सरकार द्वारा घोषित यूनिफाइड पेंशन स्कीम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के मामले में सुरक्षित भविष्य देना है। UPS के तहत, सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन की 50% राशि को न्यूनतम पेंशन के तौर पर सुनिश्चित किया जाएगा। यानी अगर किसी कर्मचारी का औसत वेतन सेवानिवृत्ति से पहले 20,000 रुपये है, तो उसे कम Read more...

अमेरिका में ब्याज दरें भारत के लिए क्या मायने रखती हैं? RBI उठाएगा कदम, 5 प्वाइंट में जानें

अमेरिका ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले ब्याज दरों में कटौती की है। यूडी रिजर्व फेडरल ने बैठक में सहमति के अनुसार ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती का फैसला किया और इसे लागू किया गया। अब अमेरिका में ब्याज दर 4.75% से 5% के बीच होगी. इससे पहले मार्च 2020 में ब्याज दरें कम की गई थीं. इसके बाद महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिका के सेंट्रल बैंक ने मार्च 2022 से जुलाई 2023 के बीच 11 बार ब्याज दरें बढ़ाईं, लेकिन अब अचानक ब्याज दरों में कटौती का फैसला लेकर चौंका दिया है, लेकिन क्या इस कटौती का भारत पर कोई असर होगा? क्या RBI भी घटाएगा लोन दरें? हालांकि भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सीएस शेट्टी का कहना है कि जब तक महंगाई कम नहीं होगी, कटौती संभव नहीं है, लेकिन अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती का भारत पर क्या असर होगा? आइए जानते हैं इसके बारे में...

विदेशी निवेश
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती का असर भारत में विदेशी निवेश पर पड़ेगा। जब Read more...

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