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बाजार में बढ़त जारी, सेंसेक्स और निफ्टी सीधी चाल से हरे निशान पर बंद

शेयर बाजार आज फिर बढ़त के साथ बंद हुआ है। हालांकि अभी भी गति कल जितनी नहीं है, फिर भी यह राहत देने वाली बात है कि बाजार हरे निशान पर बंद हो रहा है। यह बढ़त इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज बाजार में गिरावट की आशंका थी। दरअसल, कल अमेरिकी बाजार लाल था, जिसका असर भारतीय बाजार पर पड़ने की संभावना थी। इसका बाजार पर कुछ असर जरूर पड़ा, लेकिन अच्छी बात यह रही कि भारतीय बाजार अमेरिका की तरह लाल निशान में बंद नहीं हुआ।

ऐसा था प्रदर्शन
शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन कारोबार के अंत तक यह हरे निशान पर लौट आया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 147.79 अंक उछलकर 75,449.05 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 73.30 अंक मजबूत होकर 22,907.60 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में टाटा स्टील आज सबसे अधिक 2.58% की बढ़त हासिल करने में सफल रही। इसके बाद ज़ोमैटो और पावर ग्रिड का नंबर था। अडानी पोर्ट्स भी 1% से अधिक की बढ़त के साथ बंद Read more...

पेट्रोल-डीजल के रेट में गिरावट के आसार क्यों? कच्चे तेल के दामों से जगी उम्मीद

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का सीधा असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है, और इस समय तेल बाजार में जो गिरावट देखी जा रही है, वह पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कमी का संकेत देती है। वर्तमान में कच्चे तेल के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे आ गए हैं, जो पिछले कुछ महीनों से एक महत्वपूर्ण गिरावट है। ओपेक+ (OPEC+) देशों द्वारा तेल की आपूर्ति बढ़ाने के फैसले के बाद वैश्विक तेल बाजार में कीमतों में कमी आई है।

कच्चे तेल की गिरती कीमतें और भारत पर प्रभाव
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के बाद, उम्मीद जताई जा रही है कि भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी कमी आ सकती है। हालांकि, अभी तक भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन तेल कंपनियों की नज़र लगातार बाजार पर बनी रहती है, और समय-समय पर वे अपनी कीमतों को अपडेट करती हैं।

भारत में विभिन्न शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं, और इसका मुख् Read more...

90 दिन की राहत से यूएस स्टॉक मार्केट में जबरदस्त उछाल, भारत के लिए क्या संकेत?

एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर देश के भीतर ही आलोचना हो रही थी, वहीं दूसरी ओर उन्होंने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए नए टैरिफ पर 90 दिनों की रोक लगाने की घोषणा की है। ट्रंप के इस फैसले से अमेरिकी निवेशकों को बड़ी राहत मिली है और शेयर बाजार ने जोरदार उछाल के साथ इसका स्वागत किया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब ग्लोबल इकॉनमी पहले से ही अस्थिरता के दौर से गुजर रही है और अमेरिका की आक्रामक व्यापार नीति ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी थी। हालांकि यह राहत चीन को नहीं मिली है, जिससे दोनों देशों के बीच टकराव और गहराने की आशंका जताई जा रही है।

अमेरिका के भीतर से मिला विरोध

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर देश के व्यापार संगठनों, उद्योगपतियों और कई सांसदों ने आपत्ति जताई थी। आलोचकों का कहना था कि ये टैरिफ न केवल वैश्विक व्यापार पर असर डाल रहे हैं, बल्कि खुद अमेरिका की आर्थिक स्थिरता को भी नुकसान Read more...

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