18 मार्च 1937 का दिन इतिहास में एक भीषण त्रासदी के रूप में दर्ज है। टेक्सास के न्यू लंदन स्कूल में हुई इस दुर्घटना में 295 से अधिक स्कूली छात्रों और शिक्षकों की जान चली गई थी। प्राकृतिक गैस रिसाव से हुए इस विस्फोट ने पूरे अमेरिका को झकझोर कर रख दिया था। यह त्रासदी न केवल टेक्सास बल्कि पूरे विश्व के इतिहास में सबसे दर्दनाक हादसों में से एक मानी जाती है। आज इस हादसे की 88वीं बरसी पर हम उस दिल दहला देने वाली घटना को याद कर रहे हैं।
कैसे हुई थी यह भयानक घटना?
18 मार्च 1937, दिन शुक्रवार था। न्यू लंदन स्कूल, जो पूर्वी टेक्सास में स्थित था, उस समय अमेरिका के सबसे आधुनिक और अमीर स्कूलों में गिना जाता था। दोपहर के समय स्कूल में पढ़ाई चल रही थी। मुख्य भवन में लगभग 500 छात्र और 40 शिक्षक मौजूद थे। उसी समय सभागार में पीटीए की बैठक हो रही थी, जिसमें कई अभिभावक भी शामिल थे। बच्चे अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में व्यस्त थे और मैदान में खेल प्रतियोगिताओं की तैयारी चल रही थी। अचानक स्कूल के शिक्षक लेम्मी आर. बटलर ने एक इलेक्ट्रिक सैंडर मशीन चालू की। जैसे ही स्विच ऑन हुआ, चिंगारी निकली और बेसमेंट में जमा प्राकृतिक गैस में आग लग गई। अगले ही पल एक भयानक विस्फोट हुआ। पूरी इमारत हवा में उछल गई और ज़मीन पर आकर गिरते ही ध्वस्त हो गई। ईंट, कांच और लकड़ी के टुकड़े चारों ओर बिखर गए। चंद मिनटों में पूरा स्कूल मलबे के ढेर में बदल गया।
मलबे में बदल गया स्कूल, 10 एकड़ जमीन बना कब्रगाह
10 एकड़ में फैला यह आधुनिक स्कूल अब सिर्फ मलबा और लाशों का ढेर रह गया था। विस्फोट की आवाज कई मील दूर तक सुनी गई और आसपास के लोग घटनास्थल पर दौड़ पड़े। पुलिस, डॉक्टर और बचाव दल मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान चलाया। घटना के समय स्कूल बस चालक लोनी बार्बर किस्मत से कुछ बच्चों को लेकर स्कूल से बाहर निकल गया था, जिससे उनकी जान बच गई। लेकिन जब वह अपने बच्चों की तलाश में स्कूल लौटा, तब उसने पाया कि उसका बेटा आर्डेन भी इस हादसे में मारा गया था।
दर्दनाक हादसे के पीछे की वजह
न्यू लंदन स्कूल की इमारत को बनाने में दस लाख डॉलर की लागत आई थी। इस इलाके में कच्चे तेल से भारी कमाई होती थी, जिससे स्कूल को भी समृद्ध बनाया गया था। लेकिन इतनी संपन्नता के बावजूद, सुरक्षा उपायों में बड़ी चूक रह गई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के खनन ब्यूरो की जांच में सामने आया कि स्कूल में गैस लाइन गलत ढंग से जोड़ी गई थी। प्राकृतिक गैस अदृश्य और गंधहीन होती है, जिस कारण रिसाव का किसी को पता नहीं चला। विशेषज्ञों ने बताया कि इलेक्ट्रिक सैंडर के स्विच से निकली चिंगारी ने इस त्रासदी को जन्म दिया।
टेक्सास के इतिहास में तीसरी सबसे घातक दुर्घटना
यह त्रासदी टेक्सास के इतिहास में 1900 की गैल्वेस्टन आपदा और 1947 की टेक्सास सिटी त्रासदी के बाद तीसरी सबसे बड़ी दुर्घटना मानी जाती है। अधिकांश मृतक 5वीं से 11वीं कक्षा के छात्र थे। इन बच्चों को न्यू लंदन के पास स्थित प्लीज़ेंट हिल कब्रिस्तान में दफनाया गया।
निष्कर्ष
न्यू लंदन स्कूल विस्फोट न केवल टेक्सास बल्कि पूरे विश्व में औद्योगिक सुरक्षा और भवन निर्माण में गैस डिटेक्टर जैसी आधुनिक प्रणालियों के लिए चेतावनी का सबक बना। आज 88 साल बाद भी यह त्रासदी उन निर्दोष बच्चों और शिक्षकों की याद दिलाती है, जिन्होंने एक तकनीकी चूक की कीमत अपनी जान देकर चुकाई।