मुंबई, 04 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच बहस के 3 दिन बाद अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने का ऐलान किया। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। ऐसी मदद जो अमेरिका से अभी तक यूक्रेन नहीं पहुंची है, उसे भी रोक दिया गया है। इसमें पोलैंड तक पहुंच चुका सामान भी शामिल है। इसे लेकर यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मिहाल ने कहा कि हमारे पास जितने रास्ते हैं, उनके जरिए शांतिपूर्ण तरीके से अमेरिका के साथ सहयोग जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अमेरिकी सैन्य सहायता यूक्रेन के लिए बेहद जरूरी है और इसने हजारों लोगों की जान बचाने में मदद की है।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के अनुसार रोकी गई मदद तब तक बहाल नहीं की जाएगी, जब तक राष्ट्रपति ट्रम्प को यह यकीन नहीं हो जाता कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वास्तव में शांति चाहते हैं। यूक्रेन की सैन्य मदद रोकने से कुछ घंटे पहले ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, जेलेंस्की नहीं चाहते कि जब तक उन्हें अमेरिका का समर्थन हासिल है, तब तक शांति हो। यह जेलेंस्की की तरफ से दिया गया सबसे खराब बयान है। अमेरिका इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। यूक्रेन को सैन्य मदद रोके जाने को लेकर फिलहाल अमेरिकी रक्षा विभाग और राष्ट्रपति ट्रम्प ने कोई टिप्पणी नहीं की है। ब्लूमबर्ग ने रक्षा विभाग के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि राष्ट्रपति ट्रम्प इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि क्या जेलेंस्की रूस के साथ शांति कायम करना भी चाहते हैं या नहीं। ट्रम्प प्रशासन के एक अधिकारी ने फॉक्स न्यूज से कहा कि यह मदद स्थायी तौर पर नहीं रोकी गई है। बाइडेन प्रशासन ने 20 जनवरी को एक बयान में कहा कि उसने फरवरी 2022 से यूक्रेन को 65.9 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद दी है। इन सैन्य मदद में मिसाइलों से लेकर लैंडमाइंस तक शामिल हैं। अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन का रूस के सामने 3 साल से भी ज्यादा समय तक टिक जाना नामुमकिन था।