मुंबई, 14 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले नए CEC के सिलेक्शन को लेकर 17 फरवरी को बैठक बुलाई गई है। मीटिंग में पीएम मोदी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा नेता विपक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे। कमेटी की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति अगले CEC की नियुक्ति करेंगी। अब तक सबसे सीनियर चुनाव आयुक्त (EC) को CEC के रूप में प्रमोट किया जाता रहा है। राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे सीनियर EC हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है। ऐसे में एक नया EC भी नियुक्त किया जा सकता है। सुखबीर सिंह संधू दूसरे EC हैं।
आपको बता दें, बिहार/झारखंड कैडर के 1984 बैच के IAS अधिकारी राजीव कुमार मई 2022 में CEC नियुक्त हुए थे। उनके कार्यकाल में लोकसभा चुनाव से लेकर जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव हुए। इसके अलावा 2022 में राष्ट्रपति चुनाव, 2023 में कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और राजस्थान चुनाव और 2025 के हालिया दिल्ली चुनाव भी शामिल हैं। जनवरी में दिल्ली चुनाव की घोषणा करते हुए उन्होंने अपना रिटायरमेंट प्लान बताया था। उन्होंने कहा था कि मैं अगले चार-पांच महीने खुद को डिटॉक्सीफाई करूंगा। हिमालय जाऊंगा, मीडिया की चकाचौंध से दूर रहूंगा। मुझे कुछ एकांत चाहिए। उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाने की इच्छा भी जताई थी।
राजीव कुमार के कार्यकाल के दौरान चुनाव आयोग पर कई आरोप लगे। विपक्ष पार्टियों ने आरोप लगाए कि चुनाव आयोग सत्तारूढ़ भाजपा का पक्ष लेता है। साथ ही EVM पर सवाल उठाते हुए इसके हैक किए जा सकने का भी दावा किया था। इस पर राजीव कुमार ने कहा था कि EVM हैक नहीं की जा सकती। मशीनें सुप्रीम कोर्ट सहित न्यायिक जांच के कई टेस्ट में सफल रही हैं। वहीं, चुनाव में गड़बड़ी के हर दावे की कड़ी जांच करने के बाद ही उसे खारिज किया गया। इस टेक्नोलॉजी ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों को कायम रखा है। वोटर टर्नआउट के आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर भी चुनाव आयोग की आलोचना हुई। वहीं, दिल्ली चुनाव से कुछ दिन पहले AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने भाजपा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव में पार्टी और उनकी हार के पीछे राजीव कुमार और केंद्र सरकार की मिलीभगत का भी आरोप लगाया था, जिसका राजीव कुमार ने खंडन किया था।
आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट CEC और EC की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई 12 फरवरी को होनी थी, लेकिन केस लिस्ट नहीं हुआ था। तब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह की बेंच के सामने मामला उठाया गया था। प्रशांत ने कहा था कि CEC राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में सरकार नए CEC की नियुक्ति कर सकती है, इसलिए कोर्ट इस पर जल्द सुनवाई करे। इस पर कोर्ट ने 19 फरवरी की तारीख देते हुए कहा था कि इस बीच कुछ होता है तो वह अदालत के फैसले के अधीन होगा, इसलिए चिंता की बात नहीं है। मामला मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं से जुड़ा है।