उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर की एक दिव्यांग (मूक-बधिर) लड़की ख़ुशी गुप्ता से मुलाकात कर न सिर्फ़ उसका सालों पुराना सपना पूरा किया, बल्कि उसके इलाज और रहने के लिए विशेष सहायता का आदेश भी दिया। इस भावुक मुलाकात के दौरान ख़ुशी ने अपने हाथ से बनाई हुई पेंटिंग्स सीएम योगी को भेंट की।
पेंटिंग्स के साथ लखनऊ पहुँची ख़ुशी
ख़ुशी गुप्ता पिछले कई सालों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की इच्छा रखती थी। उसके पिता, जो एक गार्ड की नौकरी करते हैं, आर्थिक और सामाजिक कारणों से इस मुलाकात की मांग को बार-बार टाल रहे थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि मुख्यमंत्री से मिलना उनके लिए आसान नहीं होगा।
लेकिन, पिछले हफ़्ते शुक्रवार को ख़ुशी अपने परिवार को बताए बिना ही कानपुर से लखनऊ चली आई। लखनऊ के हज़रतगंज थाना क्षेत्र में भटकते हुए गश्त पर निकले थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने उसे देखा।
पूछताछ में पता चला कि ख़ुशी सुन या बोल नहीं सकती थी। एक ट्रांसलेटर की मदद से जब उससे बात की गई, तो यह जानकारी सामने आई कि वह कानपुर की रहने वाली है और उसके पास सीएम योगी आदित्यनाथ की खुद बनाई हुई पेंटिंग है, जिसे वह उन्हें देना चाहती है। ख़ुशी के परिजनों ने बताया कि वह अक्सर सीएम योगी की ही पेंटिंग्स बनाया करती है।
सीएम ने दिया ऑपरेशन और आवास का आदेश
इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने ख़ुशी को समझाकर वापस घर भेजा और वादा किया कि वह अगले दिन उसकी मुलाकात सीएम से करवाने की कोशिश करेंगे। मंगलवार को, लखनऊ के डीएम ऑफिस से ख़ुशी के परिजनों के पास फ़ोन आया कि मुख्यमंत्री उनसे मुलाकात करना चाहते हैं।
परिजनों के लखनऊ आने के बाद ख़ुशी ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात की और उन्हें अपनी हस्तनिर्मित पेंटिंग उपहार में दी। ख़ुशी के इस स्नेह से प्रभावित होकर, सीएम योगी ने उसके और उसके परिवार के लिए एक बड़ा फ़ैसला लिया:
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लखनऊ में आवास: सीएम योगी ने ख़ुशी और उसके परिवार के लिए लखनऊ में ही रहने के लिए आवास की व्यवस्था कराने का आदेश दिया, क्योंकि परिवार कानपुर में किराए के घर में रहता है और पिता गार्ड की नौकरी करते हैं।
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इलाज और ऑपरेशन: उन्होंने आदेश दिया कि ख़ुशी का ऑपरेशन लखनऊ में ही कराया जाए। इसके बाद स्पीच थैरेपी होगी, जिससे उसके सुनने और बोलने की क्षमता में सुधार हो सकता है।
वायरल वीडियो में सीएम योगी खुद स्पीच थैरेपी और ऑपरेशन का ज़िक्र करते दिख रहे हैं। मुलाकात के बाद सीएम ने ख़ुशी से पेंटिंग्स लीं और उसके परिजनों को उपहार भी दिए।
इस मुलाक़ात ने न सिर्फ़ एक दिव्यांग लड़की का सपना पूरा किया, बल्कि एक संवेदनशील सरकार की झलक भी पेश की, जिसने एक साधारण नागरिक की इच्छा और ज़रूरत पर त्वरित कार्रवाई की।