दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी पहली बड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पिछली सरकारों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने स्वीकार किया कि वायु प्रदूषण दिल्ली के लिए एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन साथ ही इसे 'दहेज में मिली पुरानी समस्या' करार दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, "दिल्ली की कई पुरानी समस्याएं हमें दहेज में मिली हैं, चाहे वह कूड़े के पहाड़ हों, टूटी हुई सड़कें हों या प्रदूषण की स्थिति। 11 साल वाली सरकार आई और चली गई, 15 साल वाली सरकार भी आई-गई, लेकिन समस्याएँ वहीं की वहीं रहीं।"
सरकारों की 'ऑड-ईवन' रणनीति पर सवाल
रेखा गुप्ता ने पिछली सरकारों की प्रदूषण नियंत्रण की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा, "जरा याद कीजिए, पिछली सरकारों ने प्रदूषण के लिए क्या किया था? बस एक ऑड-ईवन और उससे भी क्या फर्क पड़ा? उनकी रणनीति यही थी कि लोगों को इतनी परेशानी में डाल दो कि वे असल समस्या पर सवाल ही न उठा पाएँ।"
उन्होंने जनता को हुई असुविधा पर सवाल उठाया: "याद है, कितनी दिक्कत होती थी? कैसे जाएँगे काम पर, क्या करें? क्या जनता को तकलीफ में डालकर, आपातकाल जैसे हालात बनाकर समस्या का समाधान होता है?"
उन्होंने वॉटर लॉगिंग की समस्या का भी जिक्र किया और कहा कि मिंटो ब्रिज और आईटीओ पर पानी भरना हर साल की कहानी थी, लेकिन उनकी सरकार ने फरवरी में आने के बाद से ही इन 40 साल पुरानी समस्याओं पर काम शुरू कर दिया और इस बार जल-जमाव की वैसी स्थिति नहीं बनी।
सरकार एक 'मां' की तरह: सकारात्मक पहल पर जोर
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी सरकार के दृष्टिकोण को भावनात्मक रूप से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, "सरकार एक माँ की तरह होती है। उसे हर नागरिक का ख्याल रखना होता है," और इसी भावना से उनकी सरकार दिल्ली को बेहतर, साफ और सुरक्षित बनाने का काम कर रही है।
उन्होंने प्रदूषण से निपटने के लिए किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया, जैसे वैज्ञानिकों की सलाह पर क्लाउड सीडिंग की कोशिश, जो दिल्ली में सफल नहीं हो पाई।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास सिर्फ आरोप लगाने के अलावा कोई काम नहीं बचा है, इसलिए वे 'बेरोजगार' जैसे हो गए हैं। उन्होंने कुछ मीडिया रिपोर्टों पर भी 'पेड कैंपेन' चलाने का आरोप लगाया और सकारात्मक अभियान चलाने की सलाह दी।
बिजली और 'लापता' नेताओं पर वार
रेखा गुप्ता ने अपनी सरकार द्वारा अनधिकृत (बुक्ड) कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन दिए जाने के फैसले का बचाव किया, जिस पर पिछली सरकारों ने कोई कदम नहीं उठाया था। उन्होंने कहा कि उनकी हर योजना पर CAG लगाना पड़ा है और पूछा, "आदरणीय केजरीवाल साहब तो गायब हो गए लापता हैं। LOP भी गायब है और बस एक झुनझुना सौंप दिया गया है, जो सौरभ भारद्वाज के हाथ में पकड़ा दिया गया है। अब वही बजाते रहें, हम क्या करें?"
प्रदूषण के कारणों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कूड़ा और लकड़ी का जलना, झुग्गियों में कच्चे चूल्हों का इस्तेमाल प्रमुख कारण हैं। उन्होंने घोषणा की कि इस समस्या का समाधान चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा और 2026 तक दिल्ली की 100 फीसद बसें इलेक्ट्रिक होंगी।