वास्तु शास्त्र में घर के मालिकों के साथ-साथ किरायेदारों के लिए भी कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से परेशानियों से बचा जा सकता है। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि घर का कौन सा हिस्सा किराए पर नहीं देना चाहिए? अगर कोई जाने-अनजाने में उस हिस्से को किराए पर दे दे तो उसे किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है? आइए जानते हैं उन 6 नियमों के बारे में जिन्हें अपनाकर वास्तुदोष से बचा जा सकता है।
1. यदि आप अपना घर या दुकान किराए पर देना चाहते हैं तो उत्तर और पूर्व भाग को अपने पास रखें और दक्षिण और पश्चिम भाग को ही किराए पर दें। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से किरायेदार और घर या मकान के मालिक को कभी वास्तु दोष नहीं लगेगा।
2. वास्तु शास्त्र कहता है कि ऐसे घर या जमीन का उत्तर-पूर्वी हिस्सा कभी भी किराये पर नहीं देना चाहिए, जिसके ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में सड़क हो।
3. यदि जमीन के सामने सड़क हो तो घर का यह हिस्सा कभी खाली नहीं रखना चाहिए। घर या जमीन के इस हिस्से को किराये पर देने की बजाय आप खुद इस हिस्से में रहें। घर के इस हिस्से को खाली रखने से मालिक को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
4. वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस जमीन या घर के उत्तर दिशा में सड़क हो उसके पूर्वी और दक्षिणी, पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से को किराये पर देना फायदेमंद माना जाता है। किराये पर लिया गया हिस्सा अधिक समय तक खाली नहीं छोड़ना चाहिए अन्यथा आर्थिक हानि हो सकती है।
5. किराये का घर लेते समय किचन लेआउट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र का मानना है कि जिस रसोईघर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है उसे स्थानांतरित कर देना चाहिए लेकिन इससे आपको आर्थिक तंगी के साथ-साथ शारीरिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है।
6. घर किराए पर लेते समय किचन की तरह ही बालकनी के डिजाइन का भी ध्यान रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जिस घर की बालकनी दक्षिण-पश्चिम में हो उसे वहां से शिफ्ट करना जोखिम भरा हो सकता है।