भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर इस समय अपने करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। एक तरफ जहाँ व्हाइट-बॉल क्रिकेट (T20 और वनडे) में उनकी रणनीतियां सफल रही हैं, वहीं टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन ने उनकी कोचिंग शैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी बीच, इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने गंभीर को एक ऐसी सलाह दी है, जिसने क्रिकेट जगत में नई बहस छेड़ दी है।
पनेसर की सलाह: "रणजी ट्रॉफी से सीखें रेड-बॉल का हुनर"
मोंटी पनेसर का मानना है कि गौतम गंभीर को रेड-बॉल क्रिकेट (टेस्ट फॉर्मेट) की बारीकियां समझने के लिए भारत की सबसे प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता, रणजी ट्रॉफी का रुख करना चाहिए। पनेसर ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि गंभीर को रणजी के अनुभवी कोचों से संवाद करना चाहिए ताकि वह समझ सकें कि पांच दिवसीय क्रिकेट के लिए टीम का निर्माण और मानसिक तैयारी कैसे की जाती है।
पनेसर के अनुसार:
-
सफेद गेंद बनाम लाल गेंद: गंभीर व्हाइट-बॉल में सफल हैं क्योंकि वहां खेल तेज होता है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में टीम फिलहाल कमजोर नजर आ रही है।
-
संक्रमण का दौर: जब टीम से तीन बड़े अनुभवी खिलाड़ी एक साथ बाहर होते हैं या रिटायर होते हैं, तो नए खिलाड़ियों को उस सांचे में ढालना कठिन होता है। इसके लिए धैर्य और विशिष्ट कोचिंग अनुभव की जरूरत होती है।
गंभीर का 'मिश्रित' कोचिंग रिकॉर्ड
गौतम गंभीर का अब तक का कार्यकाल विरोधाभासों से भरा रहा है:
-
व्हाइट-बॉल में दबदबा: गंभीर के मार्गदर्शन में भारत ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता और अब तक एक भी टी20 सीरीज नहीं हारी है। सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनकी आक्रामकता टीम के काम आ रही है।
-
टेस्ट में ऐतिहासिक गिरावट: रेड-बॉल क्रिकेट में तस्वीर बिल्कुल उलट है। पिछले डेढ़ साल में भारत ने घरेलू मैदान पर दो बार क्लीन स्वीप (न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ) का सामना किया है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में घरेलू सरजमीं पर ऐसी विफलता पहले कभी नहीं देखी गई थी।
स्प्लिट कोचिंग की सुगबुगाहट और लक्ष्मण का नाम
बाजार में यह अफवाहें गर्म थीं कि बीसीसीआई (BCCI) टेस्ट और व्हाइट-बॉल के लिए अलग-अलग कोच (Split Coaching) रखने पर विचार कर रहा है। चर्चा यहाँ तक थी कि टेस्ट टीम की जिम्मेदारी वीवीएस लक्ष्मण को सौंपी जा सकती है, जिनके पास नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) और इंडिया-ए के साथ कोचिंग का लंबा अनुभव है। भारत में पारंपरिक रूप से एक ही कोच तीनों फॉर्मेट देखता है, ऐसे में यह बदलाव काफी बड़ा माना जा रहा था।
BCCI ने अटकलों को बताया 'बेबुनियाद'
इन बढ़ती चर्चाओं के बीच बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी खबरों का खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बोर्ड ने टेस्ट कोचिंग में बदलाव के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
सैकिया ने कहा:"गौतम गंभीर को हटाने या लक्ष्मण से संपर्क करने की खबरें पूरी तरह से अटकलों और कल्पना पर आधारित हैं। कुछ प्रतिष्ठित एजेंसियां इसे चला रही हैं, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। बीसीसीआई आधिकारिक तौर पर इन खबरों को 'तथ्यात्मक रूप से गलत' और 'बेबुनियाद' करार देता है।"