मुंबई, 30 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अक्सर लोग डॉक्टर के पास तभी जाते हैं जब वे बीमार महसूस करते हैं। लेकिन दिल्ली के द्वारका स्थित वरिष्ठ मधुमेह विशेषज्ञ (Diabetologist) डॉ. बृजमोहन अरोड़ा का मानना है कि स्वस्थ महसूस करने का मतलब यह नहीं है कि आपके शरीर के अंदर सब कुछ ठीक है। उन्होंने हाल ही में एक महत्वपूर्ण "6-टेस्ट चेकलिस्ट" साझा की है, जिसे हर व्यक्ति को हर 6 महीने में करवाना चाहिए।
क्यों जरूरी हैं ये टेस्ट?
डॉ. अरोड़ा के अनुसार, मेटाबॉलिज्म और अंगों से जुड़ी कई बीमारियां 'साइलेंट' होती हैं, यानी उनके लक्षण तब तक सामने नहीं आते जब तक कि अंग काफी हद तक प्रभावित न हो जाएं। नियमित जांच से इन समस्याओं को शुरुआती चरण में ही पकड़ा जा सकता है, जिससे इलाज आसान और कम खर्चीला हो जाता है।
वो 6 जरूरी टेस्ट जो आपको कराने चाहिए:
- HbA1c: यह पिछले तीन महीनों के औसत ब्लड शुगर लेवल को बताता है। इससे डायबिटीज या प्री-डायबिटीज का सही पता चलता है।
- Lipid Profile (लिपिड प्रोफाइल): यह आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करता है, जिससे दिल की बीमारियों के जोखिम का पता चलता है।
- Liver Function Test - LFT (लिवर फंक्शन टेस्ट): यह लिवर की कार्यक्षमता और किसी भी तरह की सूजन या संक्रमण की जांच करता है।
- Kidney Function Test - KFT (किडनी फंक्शन टेस्ट): यह यूरिया और क्रिएटिनिन के जरिए किडनी के स्वास्थ्य की जानकारी देता है।
- Vitamin D3: हड्डियों की मजबूती और इम्युनिटी के लिए जरूरी विटामिन D की कमी को जांचता है।
- Vitamin B12: नसों के स्वास्थ्य और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए इस विटामिन की जांच जरूरी है।
डॉक्टर की सलाह: डॉ. अरोड़ा कहते हैं, "अगर हम स्वस्थ और फिट रहेंगे, तो ज्यादा पैसा कमा पाएंगे, परिवार का बेहतर ख्याल रख पाएंगे और जीवन की तकलीफें भी कम होंगी।" विशेषज्ञों का कहना है कि इन टेस्ट्स का मकसद डर पैदा करना नहीं, बल्कि समय रहते जीवनशैली में बदलाव या दवाओं के जरिए भविष्य की बड़ी बीमारियों को रोकना है।
निष्कर्ष: बीमारी का इंतजार करने से बेहतर है कि बचाव (prevention) का रास्ता अपनाया जाए। हर छह महीने में ये छह टेस्ट करवाकर आप अपनी 'लॉन्ग-टर्म हेल्थ' को सुरक्षित रख सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: कोई भी टेस्ट या रूटीन शुरू करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)