केंद्र सरकार अब देश के ग्रामीण रोजगार गारंटी ढांचे में बड़ा बदलाव लाते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA/मनरेगा) की जगह एक नई योजना 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) 2025' या संक्षेप में VB-G RAM G (विकसित भारत-जी राम जी योजना) लेकर आ रही है। इस योजना से संबंधित बिल सरकार आज संसद में पेश करेगी।
इस बिल के तहत, हर वित्तीय वर्ष में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को अब $100$ दिन के बजाय $125$ दिनों के मजदूरी रोजगार की वैधानिक गारंटी मिलेगी। हालांकि, विपक्षी दल MGNREGA को खत्म करने की आशंका जताते हुए बिल पेश होने के दौरान संसद में हंगामे की उम्मीद है।
मनरेगा से VB-G RAM G तक का सफर
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मनरेगा की नींव: मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) की शुरुआत UPA सरकार ने $2005$ में NREGA के रूप में की थी, जिसे $2009$ में MGNREGA नाम दिया गया। $1$ अप्रैल $2008$ तक इसे पूरे देश में लागू किया गया, जिसके तहत ग्रामीण परिवारों को $100$ दिनों के गारंटीशुदा रोजगार की पेशकश की गई।
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नए बिल का उद्देश्य: बिल की कॉपी के मुताबिक, इसका मकसद MGNREGA $2005$ को खत्म कर Viksit Bharat Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin) 2025 (VB-G RAM G) को पेश करना है।
$2047$ के राष्ट्रीय विज़न से जुड़ा नया ढाँचा
VB-G RAM G योजना का उद्देश्य महज रोजगार देना नहीं, बल्कि इसे 'विकसित भारत $2047$ के राष्ट्रीय विज़न' के साथ जोड़ना है।
मुख्य बदलाव:
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रोजगार गारंटी की अवधि: $100$ दिन से बढ़ाकर $125$ दिनों तक वैधानिक गारंटी।
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लक्षित समूह: हर ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्य जो बिना स्किल्ड मैनुअल काम करने के लिए तैयार हैं।
ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल के बारे में बताते हुए कहा कि MGNREGA ने पिछले $20$ सालों में ग्रामीण परिवारों को गारंटी वाली मजदूरी वाला रोजगार दिया है, लेकिन अब सामाजिक-आर्थिक बदलावों को देखते हुए इसमें मजबूती लाना जरूरी हो गया है।
सशक्तिकरण और विकास पर ज़ोर
मंत्री ने बताया कि जहाँ MGNREGA का फोकस मुख्य रूप से आजीविका सुरक्षा बढ़ाने पर था, वहीं नया बिल अब समृद्ध और मज़बूत ग्रामीण भारत के लिए सशक्तिकरण, विकास, तालमेल (Convergence) और सैचुरेशन (Saturation) को बढ़ावा देने पर ज़ोर देता है।
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रणनीति: यह सार्वजनिक कार्यों के ज़रिए इन लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ज़ोर देता है, जो मिलकर विकसित भारत नेशनल रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक बनाते हैं।
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लक्ष्य: इस योजना के तहत सरकार का मकसद केवल मजदूरी देना नहीं, बल्कि प्रमुख सरकारी योजनाओं को संतृप्ति-उन्मुख कार्यान्वयन (Saturation-Oriented Implementation) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाना है।
यह बिल, जो सोमवार को लोकसभा की सप्लीमेंट्री लिस्ट में शामिल किया गया है, ग्रामीण विकास के दृष्टिकोण में एक बड़ा वैचारिक और कार्यान्वयन परिवर्तन ला सकता है।