नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के डॉ. बीआर अंबेडकर कॉलेज में एक प्रोफेसर के साथ हाथापाई और थप्पड़ मारने के विवादित मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (DUSU) की जॉइंट सेक्रेट्री और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) नेता दीपिका झा पर कड़ी कार्रवाई की गई है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए दीपिका झा को तत्काल प्रभाव से दो महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है।
निलंबन की इस अवधि के दौरान, दीपिका झा को छात्र नेता के तौर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के किसी भी कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, यूनिवर्सिटी ने उन्हें अपनी नियमित क्लास अटेंड करने की छूट दी है, ताकि उनकी पढ़ाई पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
प्रिंसिपल ऑफिस में हुई थी घटना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना कॉलेज के प्रिंसिपल के ऑफिस में हुई थी। उस समय कॉलेज की अनुशासन समिति (Disciplinary Committee) की एक महत्वपूर्ण बैठक चल रही थी। बहस के दौरान माहौल बेहद गरमा गया। आरोप है कि गरमा-गरमी में दीपिका झा ने अनुशासन समिति के संयोजक, प्रोफेसर सुजीत कुमार के साथ हाथापाई की और उन्हें कथित तौर पर थप्पड़ मारा। इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसने तुरंत मामले को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया था।
छह सदस्यीय समिति की जांच, तीन महीने के निलंबन की थी सिफारिश
घटना की गंभीरता को देखते हुए, दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तुरंत एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया। इस समिति में जॉइंट प्रॉक्टर के साथ कई वरिष्ठ कॉलेज प्रिंसिपल भी शामिल थे, जिन्हें पूरे मामले की निष्पक्ष जांच का जिम्मा सौंपा गया था। समिति ने गहन जांच के बाद अपनी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी प्रशासन को सौंपी, जिसमें दीपिका झा के खिलाफ तीन महीने के निलंबन की सिफारिश की गई थी। हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फिलहाल दो महीने के निलंबन का फैसला लिया है। अधिकारियों का कहना है कि आगे की कार्रवाई और निलंबन की अवधि बढ़ाना, पूरी तरह से इस दौरान दीपिका झा के रवैये और व्यवहार पर निर्भर करेगा। यह कार्रवाई छात्रों के बीच अनुशासन और शिक्षकों के सम्मान को बनाए रखने के लिए एक कड़ा संदेश देती है।
प्रोफेसर ने दिया इस्तीफा, शिक्षकों में गुस्सा
इस घटना से आहत होकर, प्रोफेसर सुजीत कुमार ने तत्काल प्रभाव से अनुशासन समिति के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया। दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स फ्रंट और डेमोक्रेटिक टीचर्स एसोसिएशन सहित कई शिक्षक संगठनों ने इस घटना को गंभीर अनुशासनहीनता करार दिया है। शिक्षकों का कहना है कि यह घटना न केवल कॉलेज की शैक्षणिक मर्यादा और गरिमा के खिलाफ है, बल्कि एक शिक्षक की गरिमा और सम्मान पर भी सीधा हमला है। शिक्षक संघों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि परिसर में शिक्षकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए।