मुंबई, 12 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। टाटा ट्रस्ट्स ने चेयरमैन नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा को अपने प्रमुख ट्रस्ट सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (SDTT) के बोर्ड में शामिल किया है। 33 वर्षीय नेविल की यह नियुक्ति 12 नवंबर से प्रभावी हो गई है और यह तीन साल के कार्यकाल के लिए होगी। बोर्ड ने सर्वसम्मति से उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी है। इसी के साथ टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन इमेरिटस वेणु श्रीनिवासन को दोबारा ट्रस्टी और वाइस चेयरमैन बनाया गया है, जबकि टाटा ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य भास्कर भट को भी बोर्ड में शामिल किया गया है। इन दोनों की नियुक्ति भी तीन साल के लिए की गई है। अब SDTT बोर्ड में कुल सात ट्रस्टी हो गए हैं।
नेविल टाटा, नोएल टाटा के सबसे छोटे बेटे हैं। वे पहले से ही टाटा ट्रस्ट्स के कई अन्य संस्थानों जैसे जेआरडी टाटा ट्रस्ट, आरडी टाटा ट्रस्ट, टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट और टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट के बोर्ड का हिस्सा हैं। ट्रस्ट ने अपने बयान में कहा कि बोर्ड ने नेविल की नियुक्ति को एकमत से मंजूरी दी है। भास्कर भट, जो पहले टाइटन में नोएल टाटा के साथ काम कर चुके हैं, उन्हें भी तीन साल के लिए बोर्ड में जगह दी गई है। वर्तमान में नोएल टाटा सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के परमानेंट ट्रस्टी हैं।
नेविल टाटा आमतौर पर मीडिया और पब्लिक इवेंट्स से दूर रहते हैं और टाटा ग्रुप के सार्वजनिक कार्यक्रमों में कम नजर आते हैं, हालांकि वे बिजनेस लीडरशिप समिट में नियमित रूप से शामिल होते हैं। नेविल ट्रेंट लिमिटेड से भी जुड़े हैं, जिसे उनकी दादी सिमोन टाटा ने शुरू किया था। उन्होंने लंदन के बेज बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है। नेविल की शादी मानसी टाटा से हुई है, जो टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की वाइस चेयरपर्सन हैं। इस दंपती के दो बच्चे हैं – जमशेद और टियाना टाटा।
नेविल की बड़ी बहनें लिया टाटा और माया टाटा भी टाटा ग्रुप में अहम जिम्मेदारियां निभा रही हैं। लिया इंडियन होटल्स (ताज) में कार्यरत हैं, जबकि माया टाटा डिजिटल का नेतृत्व करती हैं। दोनों ही कई छोटे टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड में शामिल हैं। वहीं, नोएल टाटा के सौतेले भाई जिमी टाटा पिछले तीन दशकों से सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं।
खबरों के मुताबिक, जल्द ही नेविल सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) के बोर्ड में भी शामिल हो सकते हैं। मंगलवार को हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई, हालांकि अभी अंतिम मंजूरी नहीं मिली है। अगर उन्हें SRTT बोर्ड में जगह मिलती है, तो आगे चलकर उन्हें टाटा संस के बोर्ड के लिए नॉमिनेट किया जा सकता है। टाटा ट्रस्ट्स फिलहाल 180 बिलियन डॉलर के टाटा ग्रुप को नियंत्रित करते हैं और यह कदम ग्रुप की अगली पीढ़ी के प्रवेश का संकेत देता है।
यह पद मेहली मिस्री के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था। रतन टाटा के करीबी रहे मेहली मिस्री ने हाल ही में सर रतन टाटा ट्रस्ट, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और बाई हीराबाई जे.एन. टाटा नावसारी चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन ट्रस्ट से इस्तीफा दिया था। उन्होंने 4 नवंबर को अपने इस्तीफे की जानकारी एक पत्र के माध्यम से दी थी। बीते दिनों उनके पुनर्नियुक्ति को लेकर हुई वोटिंग में नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह ने उनके खिलाफ मतदान किया था। मिस्री का कार्यकाल 28 अक्टूबर को समाप्त हुआ था।