भारतीय शेयर बाजार में रक्षा (Defence) और अंतरिक्ष (Space) क्षेत्र की कंपनियों ने पिछले कुछ समय से जबरदस्त हलचल मचा रखी है। इसी कड़ी में एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (PSU), मिश्रा धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI), अचानक निवेशकों और विश्लेषकों के रडार पर आ गई है। कंपनी के शेयरों में महज दो कारोबारी सत्रों में 15% की शानदार तेजी देखी गई है, जिसने बाजार पंडितों को चौंका दिया है।
रिकॉर्ड वॉल्यूम और तकनीकी संकेत
मिधानी के शेयर में आई इस हालिया तेजी की सबसे खास बात इसकी ट्रेडिंग वॉल्यूम है। सोमवार और मंगलवार को हुई खरीदारी कंपनी के इतिहास के सबसे ऊंचे ट्रेडिंग वॉल्यूम के साथ दर्ज की गई। तकनीकी विश्लेषण की भाषा में, जब किसी शेयर की कीमत रिकॉर्ड वॉल्यूम के साथ ऊपर जाती है, तो इसे एक बेहद मजबूत 'बुलिश' संकेत माना जाता है। यह दर्शाता है कि बड़े संस्थागत निवेशक और फंड हाउसेस इस स्टॉक में अपनी पोजीशन बना रहे हैं।
बिजनेस मॉडल: हाई-एंट्री बैरियर का लाभ
मिधानी का मुख्य काम डिफेंस और स्पेस सेक्टर के लिए स्पेशल अलॉय (विशेष मिश्र धातु) बनाना है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां 'एंट्री बैरियर' बहुत अधिक है, यानी हर कोई आसानी से इस तकनीक में कदम नहीं रख सकता। सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' और 'इंडिजेनाइजेशन' (स्वदेशीकरण) नीति इस कंपनी के लिए 'गेम चेंजर' साबित हो रही है। विदेशों से आयात घटने और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलने का सीधा फायदा मिधानी की ऑर्डर बुक में दिखाई दे रहा है।
मजबूत ऑर्डर बुक और सेक्टर एलोकेशन
कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति इसकी ऑर्डर बुक से साफ झलकती है:
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कुल ऑर्डर बुक: ₹2520 करोड़ (जबकि मार्केट कैप ₹6900 करोड़ के करीब है)।
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डिफेंस सेक्टर: कुल ऑर्डर का 70% हिस्सा रक्षा क्षेत्र से आता है।
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स्पेस सेक्टर: लगभग 20% हिस्सा अंतरिक्ष कार्यक्रमों (ISRO आदि) के लिए है।
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एनर्जी सेक्टर: शेष 10% हिस्सा ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ा है।
यह डाइवर्सिफिकेशन सुनिश्चित करता है कि कंपनी की आमदनी के स्रोत स्थिर और भविष्योन्मुखी हैं।
भविष्य का रोडमैप और अर्निंग गाइडेंस
मैनेजमेंट ने वित्त वर्ष 2026 के लिए जो रोडमैप पेश किया है, वह निवेशकों के उत्साह को और बढ़ा रहा है:
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रेवेन्यू टार्गेट: FY25 की ₹1074 करोड़ की आमदनी के मुकाबले, 2026 के लिए ₹1300 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है।
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मार्जिन में सुधार: कंपनी अपने EBITDA मार्जिन को 21% से बढ़ाकर 23% तक ले जाने की दिशा में काम कर रही है।
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नए ऑर्डर्स: मैनेजमेंट को उम्मीद है कि मार्च 2026 तक करीब ₹500 करोड़ के नए ऑर्डर पाइपलाइन में हैं।
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एक्सपोर्ट विजन: कंपनी का लक्ष्य अगले 2-3 वर्षों में कुल बिक्री का 10-15% हिस्सा निर्यात (Export) से हासिल करना है।