पिछले कुछ दिनों में अग्निपथ योजना को लेकर काफी बवाल हुआ था। इस दौरान देश भर में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। लोगों में भ्रम फैल गया कि इस योजना से युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिलेंगे। बाद में सरकार ने इस योजना पर विस्तार से चर्चा की, ताकि युवाओं को इसके बारे में सही जानकारी मिल सके। इस बीच मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए एक संदेश फैलाया जा रहा है कि पहली बार सेना में भर्ती के लिए जाति पूछी जा रही है. दावा किया जा रहा है कि भारत के इतिहास में पहली बार सेना में भर्ती के लिए जाति पूछी जा रही है. इस संदेश को लेकर आम जनता में भ्रम फैलाया जा रहा है। लेकिन जब पीआईवी टीम ने इसकी पड़ताल की तो पाया कि ये वायरल मैसेज पूरी तरह से फर्जी हैं और इसके जरिए लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है और यह मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश है.
इस बारे में पीआईबी का कहना है कि सेना भर्ती के लिए जाति प्रमाण पत्र दिखाने का प्रावधान पहले से है, इसमें नया क्या है. आगे पीआईबी ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस तरह के फेक मैसेज को लेकर पीआईबी ने ऐसे मैसेज से सावधान रहने की बात कही है.