सोशल मीडिया पर आज कल हर किसी का हैंडल है। इसके माध्यम से अधिकांश समाचार शीघ्रता से सभी तक पहुंच जाते हैं। लेकिन कितना सच है और कितना झूठ ये हर कोई नहीं जानता. इसलिए इंडिया टीवी आपके लिए उन खबरों की पड़ताल करता है जो सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं फैला रही हैं। ऐसा ही एक पोस्ट कल सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था.
यह पोस्ट इतनी तेजी से प्रसारित हुई कि लोग इस पर चर्चा करने लगे. इसके बाद इंडिया टीवी ने फैसला किया कि हम इस बात की तह तक जाएंगे कि क्या वाकई पाकिस्तान सरकार ने ऐसा किया था, इसलिए इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने इस खबर का विश्लेषण किया और पाया कि यह खबर पूरी तरह से झूठी है। पाकिस्तान सरकार ने स्थानीय मीडिया को ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया है.
This is a fake and fabricated note. The concerned government agencies will prosecute fabricating and disseminating these fake media products to the fullest extent of the law. pic.twitter.com/mRqyhe1HNO
— Fact Checker MoIB (@FactCheckerMoIB) January 17, 2024
क्या दावा किया गया था?
गौरतलब है कि नाम के एक यूजर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था जिसे लाइव होने से रोक दिया गया है।हमने इस पोस्ट के बारे में गूगल और पाकिस्तानी मीडिया की कुछ समाचार साइटों पर खोज की, यहां हमारी टीम को कुछ नहीं मिला, फिर हमने पाकिस्तान सरकार के कुछ हैंडल खोजे, यहां हमारी टीम को एक पोस्ट मिली जिसमें पाकिस्तान सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फैक्ट चेकर ने इस एक्स पर दावा किया है। हैंडल को गलत घोषित कर दिया गया। पाकिस्तानी मंत्रालय के पूर्व कर्ताधर्ता ने दावा किया है कि यह नकली और जाली नोट है। प्रासंगिक सरकारी एजेंसियां इन फर्जी मीडिया उत्पादों के निर्माण और प्रसार पर कानून की पूरी सीमा तक मुकदमा चलाएंगी।