किसान दिवस के रूप में लोकप्रिय, राष्ट्रीय किसान दिवस हर साल 23 दिसंबर को पूरे भारत में मनाया जाता है। यह विशेष दिन किसानों को सम्मान देने और उन्हें इस देश की रीढ़ के रूप में गौरवान्वित करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन भारत के पांचवें प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्होंने 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक देश की सेवा की। भारत सरकार ने 23 दिसंबर को, जिस दिन चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था, 2001 में राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। राष्ट्रीय किसान दिवस हर साल उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मनाया जाता है, जहां किसान कृषि में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।
राष्ट्रीय किसान दिवस: इतिहास
प्रधान मंत्री के रूप में अपने छोटे से कार्यकाल में, चौधरी चरण सिंह ने किसानों की स्थिति में सुधार लाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएँ विकसित कीं। परिणामस्वरूप, सरकार ने 2001 में किसानों के उत्थान और कृषि क्षेत्र के विकास में चौधरी चरण सिंह के योगदान को मान्यता देने का निर्णय लिया। इसलिए, चरण सिंह की जयंती मनाने के लिए 23 दिसंबर को किसान दिवस घोषित किया गया। किसान नेता ने कृषि क्षेत्र में कुछ सबसे उल्लेखनीय सुधार लाए और उनके किसान समर्थक रुख ने उन्हें 'भारत के किसानों का चैंपियन' की उपाधि दी।
राष्ट्रीय किसान दिवस 2023: महत्व
राष्ट्रीय किसान दिवस देश के उन सभी किसानों को समर्पित है जो देश के लिए भोजन उपलब्ध कराने के लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे पास कभी भी भोजन की कमी न हो। यह दिन आमतौर पर देश के कृषि और खेती वाले राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। इस दिन, अपने उत्पादन को अधिकतम करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचारों से परिचित कराने के लिए देश के कई हिस्सों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उन्हें अपनी जरूरतों और लक्ष्यों के बारे में बात करने के लिए एक मंच भी दिया जाता है।
राष्ट्रीय किसान दिवस 2023: चौधरी चरण सिंह के उद्धरण
- सच्चा भारत गाँवों में बसता है
- सबर रखो! समय के साथ घास भी दूध बन जाती है।
- दुख में हमारे शत्रुओं के लिए भी हमारी आंखों में आंसू होने चाहिए।
- कोई राष्ट्र तभी समृद्ध हो सकता है जब उसका ग्रामीण क्षेत्र उन्नत हो और उसकी क्रय शक्ति अधिक हो।
- किसान इस देश का मालिक है, लेकिन वह अपनी ताकत भूल गया है।
- देश की समृद्धि का रास्ता गांवों के खेतों और खलिहानों से होकर गुजरता है।