मुंबई, 21 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मणिपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा का मुद्दा ब्रिटेन की संसद में भी उठाया गया है। ब्रिटेन में धार्मिक आजादी से जुड़े मामलों की स्पेशल राजदूत और सांसद फियोना ब्रूस ने गुरुवार को बीबीसी पर मणिपुर हिंसा की ठीक से रिपोर्टिंग न करने के आरोप लगाए हैं। ब्रूस ने ब्रिटेन के निचले सदन में सवाल किया, मणिपुर में मई से कई सौ चर्च जलाए गए हैं, 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 50 हजार से ज्यादा लोगों को घर छोड़ना पड़ा है। न सिर्फ चर्च बल्कि उनसे जुड़े स्कूलों को भी निशाने पर रखा गया है। ब्रूस ने कहा कि इससे साफ होता है कि ये सब प्लानिंग के तहत किया जा रहा है और धर्म इन हमलों में बड़ा फैक्टर है।
ब्रूस ने कहा कि मणिपुर में लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने पूछा है कि इंग्लैंड का चर्च उन लोगों की ओर गौर करने के लिए क्या कर सकता है। ब्रूस ने ये सब बातें अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी को लेकर बनाई गई एक रिपोर्ट के आधार पर कही हैं। जो BBC में काम कर चुके रिपोर्टर डेविड कैंपनेल ने बनाई है। वहीं, एंड्रयू सेलोउस नाम के एक दूसरे सांसद ने मणिपुर के मुद्दे को ब्रिटिश संसद में उठाने के लिए ब्रूस की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ब्रूस ने इस मुद्दे को संसद के सामने लाकर बड़ा काम किया है। मेरी तरह वो भी चाहती हैं कि इस मुद्दे पर BBC और दूसरे मीडिया संस्थान ठीक से रिपोर्टिंग करें। एंड्रयू ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि कैंटरबरी के आर्चबिशप इस मुद्दे पर ध्यान देंगे। वहीं, भारत में अमेरिका के राजदूत ने मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाले वीडियो पर कहा कि ये भारत का आंतरिक मामला है। वॉशिंगटन में एक कार्यक्रम के दौरान उनसे मणिपुर के हालातों पर सवाल किया गया था। इस पर उन्होंने कहा कि वो जहां भी ऐसी हिंसक घटनाएं देखते हैं तो उन्हें दुख पहुंचता है। गार्सेटी ने कहा, मैनें अब तक वीडियो नहीं देखा है। इंसान होने के नाते मेरी संवेदनाएं भारत के लोगों के साथ हैं।