बांग्लादेश तीस्ता परियोजना में चीन को शामिल कर सकता है, जो भारत के लिए खतरा पैदा कर सकता है। रिपोर्टों के अनुसार, मुहम्मद यूनुस सरकार तीस्ता के संरक्षण और प्रबंधन में चीन को शामिल करने की इच्छुक है। यह नदी सिक्किम से निकलती है और पश्चिम बंगाल से होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है। नदी 305 किलोमीटर की दूरी तय करती है। तीस्ता को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद है और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चीन को इस परियोजना से दूर रखा था।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि उत्तर बंगाल के एक जिले रंगपुर प्रशासन ने नदी के भाग्य पर कांवरिया में एक सार्वजनिक सुनवाई आयोजित की। बांग्लादेशी मीडिया ने बांग्लादेश के वन एवं जल संसाधन मंत्रालय की सलाहकार सईदा रिजवाना हसन के हवाले से कहा कि चीन सरकार ने नदी के संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक मास्टर प्लान बनाया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश चीन के साथ बातचीत कर रहा है और चीन ने दो साल का समय मांगा है, जिस पर बांग्लादेश सहमत हो गया है, लेकिन उसने शर्त रखी है कि मास्टर प्लान नदी के किनारे रहने वाले लोगों से सुझाव लेने के बाद ही बनाया जाना चाहिए।
सईदा के अनुसार, उन्होंने एक शर्त यह भी जोड़ी है कि 1 बिलियन डॉलर की यह परियोजना दिसंबर 2025 तक पूरी होनी चाहिए। इसमें सफाई, जलाशय निर्माण, जल निकासी व्यवस्था और सैटेलाइट टाउनशिप का निर्माण जैसे अन्य कार्य भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी सरकार के विरोध के बाद 2011 से तीस्ता परियोजना अटकी हुई है। शेख हसीना ने अपनी भारत यात्रा के दौरान इस परियोजना से उत्पन्न समस्याओं को उठाया था। दोनों सरकारों के बीच एक समझौता भी हुआ।