मुंबई, 14 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) जोहो मेल (Zoho Mail), जो तमिलनाडु स्थित जोहो कॉर्पोरेशन की एक ईमेल सेवा है, हाल के दिनों में चर्चा का विषय बनी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अपने आधिकारिक ईमेल को जोहो मेल पर स्विच करने की घोषणा के बाद, स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की पहल के बीच इस प्लेटफॉर्म में नए यूज़र्स, जिनमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं, की रुचि बढ़ी है। इस पृष्ठभूमि में, यह देखना महत्वपूर्ण हो जाता है कि जोहो मेल गूगल के लोकप्रिय जीमेल (Gmail) और माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक (Microsoft Outlook) जैसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों से कैसे अलग है।
जोहो मेल कई तरह की सुविधाएँ प्रदान करता है, जिनमें से कुछ इसे जीमेल से अलग करती हैं। उदाहरण के लिए, जोहो मेल में प्रति अटैचमेंट फ़ाइल का अधिकतम साइज़ 1 GB है, जबकि गूगल वर्कस्पेस में डिफ़ॉल्ट अटैचमेंट साइज़ 25MB है। यदि फ़ाइल साइज़ सीमा से अधिक होती है, तो जीमेल में वह स्वचालित रूप से एक लिंक में बदल जाती है। एक और महत्वपूर्ण अंतर यह है कि जोहो मेल यूज़र्स को ईमेल भेजे जाने के बाद भी उसे रिकॉल (Recall) करने की सुविधा देता है, जबकि जीमेल में 'भेजा गया पूर्ववत करें' ('Undo Send') के लिए केवल कुछ सेकंड की एक छोटी विंडो होती है। हालांकि, जोहो मेल के माध्यम से भेजे गए ईमेल को रिकॉल किए जाने पर भी प्राप्तकर्ता को इसकी सूचना मिल जाती है।
उत्पादकता उपकरणों (Productivity Tools) की बात करें तो, जोहो मेल अपने ईमेल सूट में कैलेंडर, टास्क, नोट्स, संपर्क और बुकमार्क जैसी सुविधाओं को बंडल करता है। यह जोहो स्ट्रीम्स (Zoho Streams) तक भी पहुँच प्रदान करता है, जो स्लैक (Slack) जैसा एक प्लेटफॉर्म है और कर्मचारियों के बीच पोस्ट बनाने, सहकर्मियों को टैग करने और टास्क असाइन करने की सुविधा देकर कार्यस्थल पर सहयोग को बढ़ावा देता है। जोहो मेल में स्मार्ट AI-संचालित फिल्टर का उपयोग किया जाता है जो आने वाले संदेशों को स्कैन करते हैं और उन्हें 'नोटिफिकेशन्स' और 'न्यूज़लेटर्स' जैसे फ़ोल्डरों में वर्गीकृत करते हैं। जोहो ने अपने AI असिस्टेंट जिया (Zia), जो ओपनएआई (OpenAI) द्वारा संचालित है, को भी एकीकृत किया है, जो यूज़र्स को केवल एक वाक्यांश दर्ज करके ईमेल का त्वरित मसौदा (Quick Draft) तैयार करने में सक्षम बनाता है।
सुरक्षा और गोपनीयता के मोर्चे पर, जोहो मेल हानिकारक अटैचमेंट, अकाउंट हैकिंग, ब्रांड जालसाज़ी, फ़िशिंग प्रयासों आदि के खिलाफ यूज़र्स की सुरक्षा के लिए उन्नत थ्रेट प्रोटेक्शन सुविधाएँ प्रदान करता है। कंपनी के अनुसार, जोहो के सर्वर पर सभी ईमेल ट्रांज़िट के दौरान और संग्रहीत होने पर एन्क्रिप्टेड होते हैं। यह मानक टीएलएस एन्क्रिप्शन के अलावा एस/एमआईएमई (S/MIME) का भी समर्थन करता है, जिससे यूज़र्स ईमेल को और सुरक्षित करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर बना सकते हैं। दूसरी ओर, जीमेल भी पिछले साल से ईमेल के AI-संचालित सारांश (Summaries) प्रदान कर रहा है और इस वर्ष 'प्रासंगिक' अपग्रेड की घोषणा की है, जो यूज़र्स के इनबॉक्स और गूगल ड्राइव से जानकारी खींचकर संभावित उत्तरों के टोन और स्टाइल से मेल खाने में सक्षम है।
मूल्य निर्धारण (Pricing) के संबंध में, जोहो मेल अपने 'फॉरएवर फ्री' (Forever Free) प्लान के हिस्से के रूप में एक डोमेन के लिए 5 यूज़र्स तक को ईमेल होस्टिंग और प्रति यूज़र 5 GB स्टोरेज प्रदान करता है। एंटरप्राइज-ग्रेड कस्टम ईमेल भेजने के लिए इसके सब्सक्रिप्शन पैकेज, AI असिस्टेंट जिया तक पहुँच के साथ, सालाना बिल किए जाने पर प्रति यूज़र प्रति माह ₹59 से शुरू होते हैं। वहीं, जीमेल के सशुल्क संस्करण (पेड वर्जन), जिसमें जेमिनी AI असिस्टेंट तक पहुँच शामिल है, के लिए स्टार्टर भुगतान योजना प्रति माह ₹160 से शुरू होती है। यह तुलना दर्शाती है कि जोहो मेल विशेष रूप से बड़ी फ़ाइल अटैचमेंट और ईमेल रिकॉल जैसी सुविधाओं तथा प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के कारण जीमेल का एक मजबूत स्वदेशी विकल्प बनकर उभरा है।