भारत ने शुक्रवार को एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के लिए 59 सदस्यीय मजबूत टीम का ऐलान कर दिया। हालांकि इस बार की सबसे बड़ी चर्चा यह रही कि भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा इस टीम का हिस्सा नहीं होंगे। नीरज ने खुद को इस टूर्नामेंट से अलग कर लिया है ताकि वे डायमंड लीग और वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप पर फोकस कर सकें, जो सितंबर में आयोजित होगी।
यह पहली बार नहीं है जब नीरज ने एशियन चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लिया हो। उन्होंने पिछली बार 2017 में इस प्रतियोगिता में भाग लिया था और उसके बाद से वह इसमें हिस्सा नहीं ले रहे हैं। नीरज की अनुपस्थिति जरूर भारतीय फैंस के लिए निराशाजनक हो सकती है, लेकिन इससे बाकी खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का एक बड़ा मौका मिल गया है।
नीरज की जगह कौन?
नीरज चोपड़ा की गैरमौजूदगी में भारत की उम्मीदें अब सचिन यादव और यसवीर सिंह पर होंगी, जो भाला फेंक इवेंट में उतरेंगे। यह दोनों युवा खिलाड़ी पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं और अब उनके पास अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित करने का शानदार मौका है।
पिछली बार का प्रदर्शन
भारत ने पिछली बार एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए 6 गोल्ड, 12 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज के साथ कुल 27 मेडल जीते थे। भारत उस समय जापान और चीन के बाद तीसरे स्थान पर रहा था। इस बार भी टीम से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
पुरुष टीम पर एक नजर
पुरुष टीम में कुछ अनुभवी और कई नए चेहरे शामिल हैं। अविनाश साबले, गुलवीर सिंह, प्रवीण चित्रवेल, और तेजस्विन शंकर जैसे नाम खास आकर्षण का केंद्र हैं। वहीं, 4×100 मीटर और 4×400 मीटर रिले टीम में युवा और तेज धावकों को मौका दिया गया है।
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प्रमुख खिलाड़ी: अविनाश साबले (3000 मीटर स्टीपलचेज), तेजस्विन शंकर (डेकाथलॉन), प्रवीण चित्रवेल (ट्रिपल जंप)
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रिले टीमें: अनुभव और युवा जोश का बेहतरीन मिश्रण
महिला टीम की ताकत
महिला एथलीट्स में ज्योति याराजी, रूपल चौधरी, अन्नू रानी और शैली सिंह जैसी मजबूत एथलीट्स शामिल हैं। इन खिलाड़ियों ने पिछले कुछ वर्षों में भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर गौरवान्वित किया है।
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प्रमुख खिलाड़ी: अन्नू रानी (भाला फेंक), ज्योति याराजी (100 मीटर बाधा दौड़), शैली सिंह (लॉन्ग जंप)
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हेप्टाथलॉन में अगसारा नंदिनी भी एक उम्मीद की किरण हैं।
आयोजन स्थल और संभावनाएं
इस साल एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप बैंकॉक में हो रही है, जहां पहले भी भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया था। खिलाड़ियों को वहां की जलवायु और ट्रैक से अनुकूलन में अधिक दिक्कत नहीं होगी, जिससे उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है।
निष्कर्ष
नीरज चोपड़ा जैसे दिग्गज की अनुपस्थिति भले ही चर्चा में रहे, लेकिन भारत की यह 59 सदस्यीय टीम अनुभव, युवा ऊर्जा और जज्बे से भरपूर है। डायमंड लीग और वर्ल्ड चैंपियनशिप के मद्देनजर नीरज का फैसला समझदारी भरा है, वहीं बाकी खिलाड़ियों के पास मेडल जीतकर खुद को साबित करने का सुनहरा मौका है। अब देखना यह होगा कि भारत इस बार कितने पदक हासिल करता है और क्या पिछली बार का रिकॉर्ड पार कर पाता है।