भारत की भव्य विरासत: 500 साल से भी पुराने ये 5 स्मारक जो आज भी हैं देश की शान! आप भी जानें

Photo Source :

Posted On:Friday, November 14, 2025

मुंबई, 14 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारत (India) अपनी सदियों पुरानी वास्तुकला और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहाँ प्राचीन मंदिर, विशाल किले और शानदार महल हैं जो विविध सभ्यताओं की कहानियाँ बयां करते हैं। इन इमारतों में कई ऐसे स्मारक हैं जो 500 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। ये ऐतिहासिक धरोहरें आज भी आगंतुकों को अपने प्रतिष्ठित स्वरूप से मोहित करती हैं। आइए, देश के ऐसे ही पाँच बेमिसाल स्मारकों पर एक नज़र डालते हैं जो हमें बीते युग की झलक दिखाते हैं:

1. हम्पी, कर्नाटक (Hampi, Karnataka)

हम्पी कभी विजयनगर साम्राज्य की गौरवशाली राजधानी हुआ करता था और आज यह भारत के सबसे आकर्षक पुरातात्विक स्थलों में से एक है। इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) के रूप में मान्यता प्राप्त है। 14वीं शताब्दी की शुरुआत से संबंधित, हम्पी के खंडहर 4,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले हुए हैं। यहाँ सुंदर नक्काशीदार मंदिर, महल और बाज़ार मौजूद हैं। विरुपाक्ष मंदिर, अपने प्रसिद्ध पत्थर के रथ के साथ विट्ठल मंदिर, और लोटस महल यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं, जो द्रविड़ वास्तुकला की उत्कृष्ट कला को प्रदर्शित करते हैं। हम्पी दक्षिण भारत के कला, व्यापार और आध्यात्मिकता के समृद्ध इतिहास को जीवंत करता है।

2. आगरा का किला, उत्तर प्रदेश (Agra Fort, Uttar Pradesh)

आगरा का किला, जिसे लाल किला भी कहा जाता है, मुगल काल के सबसे महत्वपूर्ण स्मारकों में से एक है। इसका निर्माण मुख्य रूप से सम्राट अकबर ने 1565 ईस्वी में शुरू करवाया था। हालाँकि यह किला 450 वर्ष से अधिक पुराना है, इसके कुछ हिस्से 500 वर्ष से भी पहले के हैं। यह 1638 तक मुगल सम्राटों का मुख्य निवास स्थान था। लाल बलुआ पत्थर से बनी इसकी विशाल दीवारें जहाँगीरी महल, दीवान-ए-खास और मुसम्मन बुर्ज जैसे सुंदर महलों को घेरे हुए हैं। इसी बुर्ज में शाहजहाँ को उनके बेटे औरंगज़ेब द्वारा नज़रबंद किया गया था। किले में हिंदू और फ़ारसी शैलियों का मिश्रण मुगल काल के सांस्कृतिक संगम को दर्शाता है।

3. मीनाक्षी अम्मन मंदिर, तमिलनाडु (Meenakshi Amman Temple, Tamil Nadu)

मदुरै स्थित मीनाक्षी अम्मन मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध वास्तुशिल्प चमत्कारों में से एक है। यद्यपि इसका इतिहास 2,000 साल से भी अधिक पुराना है, लेकिन इसका अधिकांश वर्तमान स्वरूप 16वीं शताब्दी में नायक राजवंश के दौरान, यानी 500 साल से भी पहले, पुनर्निर्मित और विस्तारित किया गया था। यह मंदिर देवी मीनाक्षी (पार्वती का एक रूप) और भगवान सुंदरेश्वरर (शिव) को समर्पित है। यह मंदिर अपनी ऊँची प्रवेश द्वारों (गोपुरम) के लिए जाना जाता है, जिन्हें हजारों रंगीन मूर्तियों से सजाया गया है। मंदिर के चौड़े गलियारे और पवित्र सरोवर पोर्थामराई कुलम इसे द्रविड़ कला और पूजा का एक जीवंत केंद्र बनाते हैं।

4. चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान (Chittorgarh Fort, Rajasthan)

राजस्थान में स्थित चित्तौड़गढ़ किला राजपूतों की बहादुरी और गौरव का प्रतीक है, और यह भारत के सबसे पुराने और सबसे बड़े किलों में से एक है। इसकी नींव 7वीं शताब्दी में रखी गई थी, लेकिन इसकी कई प्रसिद्ध इमारतें, जैसे कि विजय स्तंभ (Tower of Victory), जिसका निर्माण 1448 ईस्वी में हुआ था, और कीर्ति स्तंभ (Tower of Fame), 500 वर्ष से भी अधिक पुरानी हैं। 700 एकड़ में फैला चित्तौड़गढ़ साहस, बलिदान और शक्ति की कहानियों से भरा है। इस किले ने अलाउद्दीन खिलजी और अकबर के हमलों सहित कई घेराबंदी का सामना किया है और आज भी यह राजपूताना की भावना का गौरवशाली प्रतीक बनकर खड़ा है।

5. कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा (Konark Sun Temple, Odisha)

कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी (लगभग 1250 ईस्वी) में पूर्वी गंगा राजवंश के राजा नरसिंहदेव प्रथम ने करवाया था। यह कलिंग वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है। इसे सूर्य देवता के लिए एक विशाल पत्थर के रथ के रूप में डिज़ाइन किया गया था। इस मंदिर में कभी 24 नक्काशीदार पहिये और सात पत्थर के घोड़े थे, जो आकाश में सूर्य की यात्रा का प्रतिनिधित्व करते थे। हालाँकि समय के साथ मंदिर के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, लेकिन इसकी विस्तृत नक्काशी और सटीक डिज़ाइन आज भी इतिहासकारों और वास्तुकारों को प्रभावित करती है। एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में, कोणार्क भारत के प्राचीन विज्ञान और कला कौशल को दर्शाता है।

निष्कर्ष

ये पाँचों स्मारक न केवल पत्थर और चूने से बनी इमारतें हैं, बल्कि भारतीय इतिहास, कला और वास्तुकला की अमूल्य गाथाएँ हैं। ये हमें हमारे पूर्वजों की शिल्प कौशल, राजनीतिक शक्ति और धार्मिक आस्था की गहराई को समझने का अवसर देते हैं। हमें अपनी इस अनमोल विरासत के संरक्षण और सराहना के लिए आगे आना चाहिए।


बरेली और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. bareillyvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.