मुंबई, 12 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सिख विरोधी दंगा के एक और केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी करार दिया। कोर्ट 18 फरवरी को सजा सुनाएगी। इस मामले में 41 साल बाद फैसला आया है। यह केस 1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार में 2 सिखों की हत्या से जुड़ा है। दिल्ली दंगों में सज्जन के खिलाफ 3 से ज्यादा केस चल रहे हैं। एक में वे बरी हो चुके हैं। इससे पहले दिसंबर 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने उन्हें हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फिलहाल सज्जन तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं। सज्जन कुमार के खिलाफ दंगा, हत्या और डकैती के आरोप में IPC की धारा 147, 149, 148, 302, 308, 323, 395, 397, 427, 436, 440 के तहत केस दर्ज किया गया था।
दरअसल, सरस्वती विहार में 1 नवंबर 1984 जसवंत सिंह और तरुणदीप सिंह की हत्या की गई थी। पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन में सज्जन कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। पुलिस जांच को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने सज्जन के खिलाफ 16 दिसंबर 2021 आरोप तय किए थे। इस दौरान पीड़ित के वकील ने दलील दी थी, "वकील ने कहा था, "बड़ी भीड़ खतरनाक हथियार लेकर सरस्वती विहार में घुसी। उन्होंने लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी। वे सिखों की प्रॉपर्टीज पर हमला कर रहे थे। वे इंदिरा गांधी की हत्या का बदला ले रहे थे। भीड़ ने जसवंत के घर हमला किया, उसकी और बेटे की हत्या कर दी। लूटपाट के बाद घर में आग लगा दी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 12 फरवरी 2025 फैसला सुनाया, इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि सज्जन कुमार न केवल भीड़ में शामिल थे, बल्कि भीड़ की अगुआई भी कर रहे थे।
आपको बता दें, 31 जनवरी 2025 को हुई सुनवाई में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सज्जन कुमार पर फैसला टाल दिया था। इससे पहले 8 जनवरी और 16 दिसंबर 2024 को भी फैसला टाला गया था। दोनों बार विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की कोर्ट में तिहाड़ में बंद सज्जन कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुआ था। दिसंबर 2021 को सज्जन कुमार ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही थी। ट्रायल में सज्जन कुमार को दोषी माना गया था। इसके बाद उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद दिल्ली में पांच सिखों की हत्या और गुरुद्वारा जला दिया गया था। इसी केस में सज्जन कुमार को दोषी पाया गया। उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर 2018 को सज्जन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सितंबर 2023 को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सुल्तानपुरी में 3 लोगों की हत्या मामले में सज्जन कुमार को बरी कर दिया था। दरअसल, सुल्तानपुरी इलाके में 1984 के सिख दंगों के दौरान 3 लोगों की हत्या हुई थी। दंगे में CBI की एक अहम गवाह चाम कौर ने आरोप लगाया था कि सज्जन कुमार भीड़ को भड़का रहे थे।