धार्मिक कथावाचक अनिरुद्धाचार्य पर महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप गंभीर होता जा रहा है। आगरा में भारत हिंदू महासभा की जिलाध्यक्ष मीरा राठौर द्वारा दायर की गई याचिका को सीजेएम उत्सव राज गौरव की अदालत ने स्वीकार कर लिया है। अब अदालत की प्रक्रिया के तहत अनिरुद्धाचार्य को नोटिस का जवाब देना होगा और उनकी अगली सुनवाई 1 जनवरी 2026 को निर्धारित की गई है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद शुरू हुआ विवाद अब कानूनी दायरे में प्रवेश कर चुका है।
कौन हैं अनिरुद्धाचार्य?
अनिरुद्धाचार्य देशभर में प्रसिद्ध कथावाचकों में शामिल हैं और भागवत कथा, राम कथा एवं धार्मिक प्रवचनों के माध्यम से लाखों अनुयायियों के बीच लोकप्रिय हैं। वह वृंदावन स्थित गौरी गोपाल आश्रम के संस्थापक हैं। आश्रम वृद्ध सेवा, भोजन वितरण, गौ-सेवा और पशु संरक्षण जैसे सामाजिक कार्यों के लिए भी पहचाना जाता है। उनका जन्म मध्य प्रदेश के दमोह जिले के रिंवाझा गांव में हुआ था और उनका वास्तविक नाम अनिरुद्ध राम तिवारी है। युवा साधु-धार्मिक वक्ता के रूप में उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की, लेकिन विवाद भी अक्सर उनके पीछे चलते रहे हैं।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने बेटियों की शादी और चरित्र को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। वीडियो में उन्होंने कहा था:“आजकल बेटियों की शादी 25 साल की उम्र में होती है, तब तक वह कई जगह मुंह मार चुकी होती हैं। इस बयान के सामने आने के बाद देशभर में आलोचनाओं का सिलसिला शुरू हो गया। कई संगठनों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और सामाजिक वर्गों ने इसे महिलाओं के सम्मान के खिलाफ, अमर्यादित और घृणास्पद बयान बताया। इसी को आधार बनाकर मीरा राठौर ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
अनिरुद्धाचार्य का पक्ष: बयान को बताया तोड़-मरोड़कर पेश किया गया
आरोपों के बढ़ते दबाव के बीच अनिरुद्धाचार्य ने सफाई दी कि उनका बयान गलत संदर्भ में वायरल किया गया है। उन्होंने कहा:
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वह महिलाओं का सम्मान करते हैं
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उनकी बात को वीडियो काटकर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया
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उनके कथन को जानबूझकर विवाद का रूप दिया गया
इसके बावजूद सोशल मीडिया पर विरोध कम नहीं हुआ और धार्मिक समुदायों के बीच भी इस टिप्पणी के नैतिक पहलुओं पर बहस तेज रही।
पहले भी विवादों में रहे हैं अनिरुद्धाचार्य
यह पहला मौका नहीं है, जब अनिरुद्धाचार्य किसी विवाद में घिरे हों। इससे पहले भी कई बार उनके बयान सुर्खियों में आए:
| विवाद |
क्या कहा था? |
| ऑस्ट्रेलिया पर टिप्पणी |
ऑस्ट्रेलिया को “अस्त्रालय” बताया |
| बिस्किट पर बयान |
बिस्किट को “विष की किट” कहा |
| लिव-इन रिलेशनशिप टिप्पणी |
आधुनिक संबंधों की निंदा, विवाद गहराया |
| धार्मिक संदर्भ पर बयान |
कई प्रवचनों को वैज्ञानिक तथ्यों से जोड़ने पर आलोचना |
धार्मिक भाषणों में उनकी उग्र और सीधी बयान शैली के कारण वह कई बार सोशल मीडिया पर मीम्स और आलोचनाओं का विषय भी बनते रहे हैं।
कानूनी प्रक्रिया के बाद क्या?
सीजेएम कोर्ट द्वारा याचिका स्वीकार किए जाने के बाद अब मामला औपचारिक सुनवाई चरण में पहुंच चुका है। 1 जनवरी 2026 को अनिरुद्धाचार्य को अदालत में अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा। यदि अदालत उनकी टिप्पणी को महिला गरिमा का अपमान, समाज में विद्वेष फैलाने वाला या मानहानि की श्रेणी में मानती है, तो कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ सकती है।