मुंबई, 23 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान सरकार ने राजस्व अदालतों में पैरवी करने वाले सरकारी वकीलों की रिटेनरशिप फीस में बड़ा इजाफा किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंजूरी के बाद राजस्व विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है। नई दरें 1 सितंबर से लागू होंगी। सरकार के इस फैसले से रेवेन्यू बोर्ड से लेकर निचली अदालतों तक काम करने वाले वकीलों को सीधा फायदा मिलेगा। नई व्यवस्था में वकीलों को न केवल पैरवी की बढ़ी हुई फीस दी जाएगी, बल्कि मुकदमे से जुड़े कागज तैयार करने और अन्य जरूरी खर्चों के लिए भी अतिरिक्त राशि मिलेगी। उदाहरण के तौर पर, अब टाइपिंग के हर पेज पर 25 रुपए और फोटोकॉपी पर 2 रुपए मिलेंगे। इसी तरह जवाबदावा और ड्राफ्टिंग पर 700 रुपए तय किए गए हैं। इसके अलावा स्टेशनरी, फाइल कवर, टैग, अधिवक्ता कल्याण कोष और सत्यापन शुल्क जैसी मदों में भी बढ़ोतरी की गई है। रेवेन्यू बोर्ड अजमेर में काम करने वाले स्टेट एडवोकेट को अब हर महीने 11,250 रुपए मिलेंगे, जबकि एडिशनल स्टेट एडवोकेट को 10,200 रुपए और डिप्टी स्टेट एडवोकेट को 9000 रुपए दिए जाएंगे। इसी तरह संभागीय आयुक्त और अतिरिक्त संभागीय आयुक्त की अदालतों में पैरवी करने वाले सरकारी वकीलों को 6000 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।
जिला स्तर पर भी फीस में संशोधन किया गया है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, नागौर, पाली, अलवर, भरतपुर, चित्तौड़गढ़ और श्रीगंगानगर सहित कुछ जिलों के कलेक्टर और एडीएम कोर्ट में पैरवी करने वाले वकीलों को 6000 रुपए मासिक मिलेंगे। वहीं बूंदी, झालावाड़, टोंक, जालोर, सिरोही, सीकर, झुंझुनूं, दौसा, बारां और राजसमंद जैसे जिलों में यह राशि 4500 रुपए होगी। बांसवाड़ा, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, डूंगरपुर, धौलपुर, जैसलमेर, हनुमानगढ़ और करौली में यह फीस 3000 रुपए तय की गई है। राजस्व अपीलीय प्राधिकारी की अदालत और उनके कैम्प कोर्ट में पैरवी करने वाले वकीलों को भी 3000 रुपए मासिक दिए जाएंगे। सरकार का कहना है कि इस फैसले से पैरवी की गुणवत्ता बेहतर होगी और वकीलों को आर्थिक राहत भी मिलेगी।