मुंबई, 12 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान में मानसून का आधा दौर बीतने और बारिश का असर कम होने के साथ ही मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश कम होने पर मच्छरों का प्रजनन बढ़ जाता है, जिससे डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा होता है। बीते 20 दिनों में राज्य में डेंगू के 100 से ज्यादा और मलेरिया के 120 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि अब डेंगू और मलेरिया के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। कुछ मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है, हालांकि अधिकतर मरीज गंभीर स्थिति में नहीं हैं और दवाइयों के साथ घर पर ही ठीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मरीज के शरीर पर अचानक दाने निकल आएं, हड्डी तोड़ बुखार के साथ तेज सिर दर्द हो, या पेट दर्द के साथ उल्टी हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए, क्योंकि शुरुआती लक्षणों में ही स्थिति बिगड़ सकती है।
आंकड़ों के अनुसार, 22 जुलाई से 8 अगस्त के बीच डेंगू के 115 मामले सामने आए, जिनमें से 68 मरीज जयपुर, अजमेर, कोटा, झुंझुनूं, उदयपुर और कोटपूतली में पाए गए। जयपुर में 15, कोटा और अजमेर में 13-13, उदयपुर में 10, झुंझुनूं में 9 और कोटपूतली में 8 मामले दर्ज हुए। वहीं मलेरिया के मामले सबसे ज्यादा जैसलमेर और बाड़मेर में मिले, जहां पिछले 20 दिनों में 54 मरीजों की पुष्टि हुई। पूरे प्रदेश में इस दौरान मलेरिया के 121 केस दर्ज हुए। मौसमी बीमारियों को काबू करने के लिए नगर निगम ने इस साल समय से पहले ही फोगिंग शुरू कर दी है। पहले जहां फोगिंग का काम सितंबर में शुरू होता था, वहीं इस बार जुलाई के आखिरी सप्ताह से जोनवार शेड्यूल बनाकर हर वार्ड में फोगिंग की जा रही है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगला चार महीने डेंगू और मलेरिया के लिए संवेदनशील मौसम रहेगा। बचाव के लिए फुल स्लीव के कपड़े पहनने, हाथ-पैर ढकने और घर के आसपास साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दी गई है, ताकि मच्छरों के पनपने को रोका जा सके।