मुंबई, 23 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनके पास कुल 931 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। देशभर के 30 मौजूदा मुख्यमंत्रियों की संयुक्त संपत्ति 1632 करोड़ रुपए आंकी गई है, जिसमें से अकेले नायडू के पास 57% हिस्सा है। उनके पास 810 करोड़ रुपए की चल संपत्ति है, जिसमें कैश, डिपॉजिट और जेवर शामिल हैं, जबकि 121 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति मकान और जमीन के रूप में है। उन पर 10 करोड़ रुपए का कर्ज भी है।
इसके उलट, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे कम संपत्ति वाली सीएम हैं। उनके पास महज 15.38 लाख रुपए की चल संपत्ति है। ममता के पास किसी प्रकार की अचल संपत्ति नहीं है। यह जानकारी चुनाव सुधार के लिए काम करने वाले NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) की रिपोर्ट से सामने आई है। यह रिपोर्ट राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मौजूदा 30 मुख्यमंत्रियों के हलफनामों के विश्लेषण पर आधारित है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू 332 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ दूसरे सबसे अमीर सीएम हैं। उनके पास 165 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और 167 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। हालांकि, वे देश के सबसे ज्यादा कर्जदार मुख्यमंत्री भी हैं। खांडू पर 180 करोड़ रुपए से ज्यादा की देनदारी है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया 51 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ तीसरे नंबर पर हैं, जिसमें 21 करोड़ रुपए की चल और 30 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति शामिल है।
सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्रियों में जम्मू-कश्मीर के उमर अब्दुल्ला दूसरे नंबर पर हैं, जिनके पास केवल 55.24 लाख रुपए की चल संपत्ति है। तीसरे स्थान पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन हैं, जिनकी कुल संपत्ति 1.18 करोड़ रुपए है। इसमें 31.8 लाख रुपए की चल और 86.95 लाख रुपए की अचल संपत्ति शामिल है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि देश के 30 में से 12 मुख्यमंत्री यानी 40% मुख्यमंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 10 मुख्यमंत्रियों पर हत्या की कोशिश, अपहरण और रिश्वतखोरी जैसे गंभीर आरोप हैं। सबसे ज्यादा मामलों का रिकॉर्ड तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नाम है, जिन पर 89 केस दर्ज हैं। यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब केंद्र सरकार ने तीन नए बिल पेश किए हैं, जिनमें प्रावधान है कि किसी भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में 30 दिन की हिरासत मिलने पर पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।