मुंबई, 05 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। महाराष्ट्र के सपा विधायक को अबू आजमी को मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने के बाद पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। महाराष्ट्र का बजट सत्र 3 मार्च को शुरू हुआ और 26 मार्च को खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील ने सदन में एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आजमी ने जो टिप्पणी की, उससे सदन की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है, जिसके कारण उनकी सदस्यता को बजट सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा गया था। प्रस्ताव को सदन में अध्यक्ष ने पारित कर दिया। उधर, यूपी बजट सत्र के आखिरी दिन सीएम योगी ने विधान परिषद में अबू आजमी के बयान का जिक्र किया। योगी बोले, भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। उत्तर प्रदेश ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता।
दरअसल, बीते दिनों आजमी ने कहा था, हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच धार्मिक नहीं बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए लड़ाई थी। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू और मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। बयान पर विवाद के बाद आजमी ने कहा, मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। लेकिन फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं। मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने लिखा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने कहा था, औरंगजेब ने मंदिरों के साथ मस्जिदों को भी नष्ट किया। अगर वह हिंदुओं के खिलाफ होता, तो 34% हिंदू उसके साथ नहीं होते। उसके शासनकाल में भारत को स्वर्ण चिड़िया कहा जाता था। इसे हिंदू-मुसलमान एंगल से नहीं देखना चाहिए। सपा विधायक ने आगे कहा था, औरंगजेब ने 52 वर्ष शासन किया और अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान में परिवर्तित करते, तो सोचिए कितने हिंदू परिवर्तित हो जाते। 1857 की विद्रोह में जब मंगल पांडे ने लड़ाई शुरू की, तो उसका साथ सबसे पहले मुसलमान बहादुर शाह जफर ने दिया था। वहीं, डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने बयान का विरोध करते हुए कहा था कि अबू आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।