दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट की घटना के बाद से ही हरियाणा स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी खबरों में बनी हुई है। सुरक्षा एजेंसियों की जाँच में सामने आया है कि इस आतंकी साजिश के कई आरोपी और संदिग्ध इस विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं, जिसके कारण यह संस्थान अब संदेह के दायरे में आ गया है।
कहाँ स्थित है अल-फलाह यूनिवर्सिटी?
अल-फलाह यूनिवर्सिटी हरियाणा के धौज गाँव में स्थित है और 70 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली हुई है। इसकी स्थापना 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी, जिसे 2014 में हरियाणा सरकार द्वारा विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। संस्थान ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी कदम रखा; अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज ने महज़ छह साल पहले, 2019 में, डॉक्टरों के अपने पहले बैच का स्वागत किया था।
विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी, ह्यूमैनिटीज, कंप्यूटर साइंस, और शिक्षा जैसे विषयों के पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। यह लगभग 700 बेड्स का एक अस्पताल भी चलाता है।
छात्रों की संरचना और संस्थापक
अल-फलाह विश्वविद्यालय में कश्मीरी छात्रों की संख्या काफी अधिक है, कुछ अनुमानों के अनुसार यह संख्या 40 प्रतिशत तक है। यहाँ हरियाणा और बिहार के छात्र भी शिक्षा प्राप्त करते हैं।
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संस्थापक: अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी हैं, जो जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पूर्व लेक्चरर थे। वे मध्य प्रदेश के महू के रहने वाले हैं और वर्तमान में अल-फलाह ग्रुप ऑफ कंपनीज के अंतर्गत कई उपक्रमों के निदेशक और संस्थापक हैं।
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वर्तमान कुलपति: विश्वविद्यालय की वर्तमान कुलपति भूपिंदर कौर आनंद हैं।
उच्च फीस संरचना
अल-फला स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर 2019 से एमबीबीएस की डिग्री प्रदान कर रहा है, जिसमें 200 छात्रों का प्रवेश होता है।
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एमबीबीएस फीस: रिपोर्टों के अनुसार, पूरे पाठ्यक्रम की कुल फीस लगभग 74.50 लाख रुपये है (पहले चार वर्षों के लिए ₹16.37 लाख प्रति वर्ष और आखिरी साल के लिए ₹9 लाख)।
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छात्रावास फीस: छात्रावास का शुल्क प्रत्येक वर्ष के लिए 3 लाख रुपये लिया जाता है।
आतंकी साजिश में कनेक्शन
दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में यूनिवर्सिटी का नाम सामने आने के बाद सुरक्षा बल सक्रिय हो गए हैं।
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गिरफ्तारियाँ: पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में दो डॉक्टरों, मुजम्मिल शकील और आदिल को गिरफ्तार किया है, उनके कमरे से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ है। मुजम्मिल से संबंध पाए जाने पर एक अन्य डॉक्टर सईद को भी गिरफ्तार किया गया।
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मुख्य मास्टरमाइंड: दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य मास्टरमाइंड डॉ. उमर मोहम्मद का संबंध भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से बताया जा रहा है।
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कमरा नं 13 का रहस्य: गिरफ्तार डॉक्टर बिल्डिंग नंबर 17 के कमरा नंबर 13 (जहां डॉ. मुजम्मिल रहता था) का उपयोग विस्फोट की साजिश के लिए मीटिंग अड्डा बनाने के लिए करते थे। डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर की डायरियां उनके छात्रावासों से मिली हैं, जो भारत में ब्लास्ट की एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करती हैं।
विश्वविद्यालय की कुलपति भूपिंदर कौर आनंद ने इस मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए दावा किया है कि विश्वविद्यालय का इस घटना से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि गिरफ्तार किए गए डॉक्टर उनके आधिकारिक पदों पर काम कर रहे थे।