अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अमेरिका और भारत के बीच जल्द ही एक व्यापक व्यापार समझौता हो सकता है। हाल ही में आयोजित 'बिग ब्यूटीफुल बिल' नामक कार्यक्रम में ट्रंप ने यह बयान देकर राजनीतिक और व्यापारिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा, "हर देश अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहता है, लेकिन अमेरिका हर किसी से डील नहीं करेगा। अब जो अगली बेहतरीन डील हो सकती है, वह शायद भारत के साथ हो।"
चीन के साथ समझौते के बाद भारत की बारी?
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने हाल ही में चीन के साथ एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि इस समझौते के बारीक विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि अमेरिका ने चीन के लिए व्यापार के रास्ते खोल दिए हैं। साथ ही उन्होंने साफ किया कि अमेरिका सिर्फ उन्हीं देशों से डील करेगा जो उसके मूल्यों और हितों के अनुरूप होंगे।
अब जब चीन के साथ डील हो चुकी है, ऐसे में भारत के साथ व्यापार समझौते की संभावना को और बल मिला है। अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों में पिछले कुछ वर्षों में लगातार सकारात्मक वृद्धि हुई है।
फरवरी 2025 में हुई थी मोदी-ट्रंप की मुलाकात
इस संभावित व्यापार समझौते की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फरवरी 2025 में हुई मुलाकात में रखी गई थी। इस मुलाकात के बाद भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि दोनों देश निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं।
पीयूष गोयल के अनुसार, यह समझौता न केवल द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि इससे दोनों देशों की आर्थिक मजबूती और रणनीतिक साझेदारी को भी बल मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत इस व्यापार समझौते के साथ-साथ यूरोपीय संघ के साथ भी एक संभावित समझौते की दिशा में कार्य कर रहा है।
भारत-अमेरिका: रणनीतिक साझेदार
ट्रंप और मोदी दोनों ही भारत-अमेरिका संबंधों को सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं मानते, बल्कि इसे एक रणनीतिक साझेदारी के रूप में देखते हैं। बीते वर्षों में दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा, डिजिटल तकनीक, और हेल्थ सेक्टर में भी एक-दूसरे का सहयोग बढ़ाया है।
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका हर देश के साथ डील नहीं करेगा, बल्कि सिर्फ उन्हीं के साथ जिन पर अमेरिका को भरोसा है। ऐसे में भारत को यह संकेत अमेरिका की ओर से सशक्त साझेदार के रूप में देखने का एक बड़ा संकेत है।
ट्रंप का बयान क्यों महत्वपूर्ण है?
ट्रंप के इस बयान के कई राजनीतिक और आर्थिक मायने हैं:
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यह चीन से दूर हटते अमेरिकी व्यापार नीति का हिस्सा हो सकता है, जहां भारत एक विश्वसनीय विकल्प बनकर उभरेगा।
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यह बयान भारतीय कंपनियों और निवेशकों को अमेरिका के बाजार में नए अवसर प्रदान कर सकता है।
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अमेरिका में चुनावी माहौल के बीच यह ट्रंप का भारतवंशी वोटरों को एक संदेश भी हो सकता है।
निष्कर्ष
अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते को लेकर जो संकेत मिल रहे हैं, वे आने वाले समय में दोनों देशों के लिए अर्थव्यवस्था, रणनीति और वैश्विक साझेदारी के लिहाज़ से बेहद अहम होंगे। यदि यह समझौता होता है तो यह भारत को वैश्विक व्यापार मंच पर एक और बड़ी उपलब्धि दिला सकता है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि दोनों देश कब और किस स्तर पर इस समझौते को अंतिम रूप देते हैं।