राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आज, शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता (AQI) 'बेहद गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है। सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 399 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' की सीमा से महज़ एक अंक पीछे है। हालांकि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के कई निगरानी केंद्रों पर यह आंकड़ा 400 के पार दर्ज किया गया, जो स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है। प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर ने दिल्लीवासियों के लिए सांस लेना मुश्किल कर दिया है और आपातकालीन स्वास्थ्य चिंताओं को बढ़ा दिया है। लगातार तीसरे दिन दिल्ली की हवा 'गंभीर' (401-500) या 'बेहद गंभीर' (301-400) श्रेणी में बनी हुई है।
दिल्ली-एनसीआर में AQI की खतरनाक स्थिति
CPCB के समीर ऐप से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति बेहद चिंताजनक है:
| स्थान |
AQI (सुबह 7 बजे) |
स्थिति |
| बवाना, दिल्ली |
442 |
बेहद गंभीर |
| आईटीओ, दिल्ली |
431 |
बेहद गंभीर |
| रोहिणी, दिल्ली |
432 |
बेहद गंभीर |
| जहांगीरपुरी, दिल्ली |
424 |
बेहद गंभीर |
| पंजाबी बाग, दिल्ली |
415 |
बेहद गंभीर |
| नरेला, दिल्ली |
408 |
बेहद गंभीर |
| अशोक विहार, दिल्ली |
422 |
बेहद गंभीर |
| लोनी, गाजियाबाद |
422 |
बेहद गंभीर |
| नोएडा सेक्टर-116 |
383 |
बहुत खराब |
| आईजीआई एयरपोर्ट |
369 |
बहुत खराब |
| गुरुग्राम सेक्टर-51 |
319 |
बहुत खराब |
| इंदिरापुरम, गाजियाबाद |
331 |
बहुत खराब |
भविष्यवाणी हुई गलत, प्रदूषण रहा 'गंभीर'
हैरत की बात यह है कि केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली द्वारा लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' (301-400) श्रेणी में रहने की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन वास्तविक AQI 400 से ऊपर ही रहा। गुरुवार को दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI शाम 4 बजे 404 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में था। इस दिन, दिल्ली के 39 निगरानी केंद्रों में से 28 ने 'गंभीर' श्रेणी की वायु गुणवत्ता दर्ज की। वजीरपुर (458), चांदनी चौक (453) और बवाना (452) सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल थे। देश भर में, दिल्ली की वायु गुणवत्ता रोहतक (430) और बहादुरगढ़ (466) के बाद तीसरे सबसे खराब स्तर पर थी।
स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा और कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों को घर के अंदर रहने, बाहरी गतिविधियों से बचने और N95 मास्क पहनने की सलाह दी है। 'गंभीर' श्रेणी की हवा फेफड़ों के रोगों से ग्रस्त लोगों के साथ-साथ स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है। प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर का मुख्य कारण प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियाँ बताई जा रही हैं। कम हवा की गति और ठंडा तापमान प्रदूषकों (जैसे PM2.5 और PM10) को जमीन के पास ही फंसा देते हैं, जिससे एक मोटी धुंध की परत बन जाती है और हवा की गुणवत्ता तेज़ी से बिगड़ जाती है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं का धुआँ भी इस स्थिति को और गंभीर बना रहा है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है, जिसमें निर्माण कार्यों और गैर-आवश्यक वाहनों पर प्रतिबंध शामिल हो सकता है।