सीबीआई अदालत का फैसला: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सेक्स सीडी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है और उन पर मुकदमा चलाने का कोई आधार भी नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए, उन्हें आरोपों से मुक्त किया जाता है।
अधिवक्ता की दलील: बघेल के वकील मनीष दत्त ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल ने न तो सीडी बनवाई और न ही इसे प्रसारित किया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला नहीं बनता है और न ही सीबीआई के पास कोई ठोस डिजिटल सबूत हैं। इस दलील के बाद अदालत ने भूपेश बघेल को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया: अदालत के फैसले के बाद भूपेश बघेल ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "सत्यमेव जयते।" उन्होंने कहा कि यह फैसला सत्य और न्याय की जीत है। इससे पहले मंगलवार को वे अदालत में उपस्थित हुए थे और पूरी सुनवाई में शामिल रहे थे।
क्या है सेक्स सीडी कांड?
अक्टूबर 2017 में एक कथित सेक्स सीडी वायरल हुई थी, जिसमें तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत के होने का दावा किया गया था। इस सीडी के वायरल होने के बाद रायपुर के सिविल लाइन थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी। इसके बाद पुलिस ने पत्रकार विनोद वर्मा को गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया था। 24 सितंबर 2018 को कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को भी गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
सीबीआई का रुख और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका:
सीबीआई ने इस मामले में जांच करते हुए भूपेश बघेल को आरोपी बनाया था। हालांकि, बघेल ने शुरू में जमानत लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन एआईसीसी के निर्देश के बाद वे इसके लिए तैयार हुए। उनकी जमानत याचिका को तीन दिन बाद स्वीकार कर लिया गया और उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
सीबीआई ने इस केस की सुनवाई राज्य से बाहर करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद करीब सात साल तक मामला लंबित रहा और अब अदालत ने बघेल को बरी करने का फैसला सुना दिया है।
आगे क्या होगा?
इस मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल 2025 को होगी। इस दौरान अन्य आरोपियों - विनोद वर्मा, कैलाश मुरारका, विजय भाटिया और विजय पाड्या को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। इस केस में एक अन्य आरोपी रिंकू खनूजा भी था, लेकिन उसकी मृत्यु हो चुकी है।
राजनीतिक असर:
भूपेश बघेल के बरी होने के बाद कांग्रेस पार्टी इसे अपनी नैतिक जीत मान रही है। वहीं, भाजपा ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इस मामले में आगे कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा।