देश की राजधानी दिल्ली में 11 नवंबर को हुए भीषण कार ब्लास्ट के मुख्य साजिशकर्ताओं पर सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा और कड़ा प्रहार किया है। लाल किले के पास हुए इस आतंकी हमले के गुनाहगार और संदिग्ध फिदायीन आतंकी उमर मोहम्मद के पुलवामा स्थित आवास को सुरक्षा एजेंसियों ने विस्फोटक उपकरण (IED) की मदद से ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ सरकार के 'ज़ीरो टॉलरेंस' (शून्य सहनशीलता) की नीति को दर्शाती है।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, पुलवामा में अंजाम दी गई यह कार्रवाई बेहद सटीक थी, जिससे आस-पास के घरों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा। यह सख्त कदम उन आतंकवादियों को सीधा संदेश है जो देश की संप्रभुता और सुरक्षा को चुनौती देने की कोशिश करते हैं।
आतंकी लिंक पर बड़ा खुलासा और कार्रवाई
11 नवंबर की शाम को लाल किले मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास हुई इस घटना में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की चेतावनी दी थी, जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गहन जांच में जुटी हुई हैं।
जांच में अब तक कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं, जिनमें आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की गईं चार संदिग्ध गाड़ियों को जब्त करना शामिल है। सबसे बड़ा लिंक फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा है, जिसके बाद भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) ने बीते गुरुवार को यूनिवर्सिटी की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। यूनिवर्सिटी पर यह कड़ा एक्शन इसलिए लिया गया है क्योंकि ब्लास्ट में शामिल आतंकवादियों के तार इस शिक्षण संस्थान से जुड़े थे।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की पार्किंग से जब्त की गई एक संदिग्ध कार डॉ. शाहीन शाहिद के नाम पर पंजीकृत थी, जिसे पहले ही आतंकी साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच एजेंसियों को अंदेशा है कि विस्फोटकों और अन्य आतंकी सामग्री को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए इन वाहनों का इस्तेमाल किया गया था।
'सुसाइड बॉम्बर' उमर मोहम्मद
जांच एजेंसियों के शुरुआती निष्कर्षों के अनुसार, सफेद हुंडई i20 कार में अमोनियम नाइट्रेट से भरी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का इस्तेमाल किया गया था। विस्फोट के बाद घटनास्थल से मिले DNA सैंपल से पुष्टि हुई है कि आतंकी उमर मोहम्मद ही कार चला रहा था, जो संभावित रूप से एक फिदायीन (सुसाइड बॉम्बर) के तौर पर इस हमले में शामिल था। सुरक्षा एजेंसियों का यह त्वरित और कठोर एक्शन दिखाता है कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे बने किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह देश की राजधानी में हुए इस जघन्य अपराध में शामिल हर किरदार को बेनकाब करके उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा करेगी।