बिहार के सियासी गलियारे में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर हलचल मच गई है. मंगलवार (26 दिसंबर) को मीडिया में खबरें आईं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि बाद में जेडीयू नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस बात से इनकार कर दिया. इस बीच नीतीश कुमार को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या मुख्यमंत्री फिर से एनडीए में शामिल होने जा रहे हैं? अगर ऐसा होता भी है तो कोई न कोई बड़ा नेता उनकी वकालत करने को तैयार है.
'नीतीश का राजद के साथ कदम आत्मघाती कदम'
दरअसल, आरएलजेडी सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा ने मंगलवार को मीडिया को दिए बयान में कहा, ''नीतीश कुमार का राजद में शामिल होना एक आत्मघाती कदम था. , बीजेपी के लोग फैसला लेंगे लेकिन हम निश्चित रूप से उनका पक्ष लेंगे।”
उपेन्द्र कुशवाहा के बयान के बाद प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं
इस पूरे मामले पर राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा को देखना चाहिए कि वह और उनकी पार्टी कहां खड़ी है. वह बीजेपी की पिच पर जाकर खेलना चाहते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी उन्हें कोई भाव नहीं दे रही है. उपेन्द्र कुशवाहा बीजेपी के साथ असमंजस और असमंजस की स्थिति में हैं.जब कांग्रेस प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने कहा कि पहले यह बतायें कि उपेन्द्र कुशवाहा खुद कहां से हैं. कहा जा रहा है कि जदयू की कोई जगह नहीं होगी, राजद की कोई जगह नहीं होगी, इन सब बातों पर उपेन्द्र कुशवाहा का क्या कहना है?
कौन हैं उपेन्द्र कुशवाहा, कौन पूछ रहा है?बीजेपी प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने नीतीश कुमार के बारे में कहा कि आज आप उस व्यक्ति की गोद में बैठे हैं जिसका आप वर्षों से विरोध कर रहे हैं. आप उनकी गोद में नहीं बैठे हैं, सच तो यह है कि आप उनके राजनीतिक दरबार की रखवाली कर रहे हैं। लालू यादव के साथ जाना जनता दल यूनाइटेड के ताबूत में आखिरी कील है.