माता-पिता अपने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य और अपने सपनों को साकार करने के लिए स्कूल भेजते हैं। ऐसे में अगर स्कूल के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे नाली साफ करवाएंगे तो बच्चों का भविष्य क्या होगा. ऐसा ही नजारा कर्नाटक के एक स्कूल में देखने को मिला, जहां स्कूली बच्चे बाथरूम और गटर साफ कर रहे हैं. किसी ने इन बच्चों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो देखते ही राज्य समाज कल्याण विभाग हरकत में आया और मामले की जांच की.
राज्य समाज कल्याण विभाग का दौरा किया
एसपी नारायण एम ने कहा कि मामले की जांच कर जल्द ही आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा. साथ ही उन्होंने टीम को मामले की गहनता से जांच करने का आदेश दिया है. इसमें यह जांच करने को कहा गया है कि स्कूल ने शौचालयों की सफाई के लिए किसी को नियुक्त किया है या नहीं या स्कूल अपनी सभी शाखाओं में यह काम कर रहा है या नहीं। मामला कर्नाटक के कोलाक स्थित मोरारजी देसाई विद्यालय का है, जहां स्कूल के छात्र पढ़ाने के बजाय बाथरूम साफ कर रहे हैं। वीडियो देखने के बाद राज्य समाज कल्याण विभाग ने तुरंत स्कूल का दौरा किया और वीडियो सही पाया गया। कोलार एसपी नारायण एम ने बताया कि इस स्कूल में कोई स्थायी वार्डन नहीं है.
पहले भी हो चुका है इस तरह का मामला
तीन महीने पहले हरिद्वार के एक स्कूल में भी स्कूली बच्चों द्वारा शौचालय साफ करने का मामला सामने आया था. जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार जिले के लालढांग इलाके के सरकारी प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल ने स्कूली बच्चों से टॉयलेट साफ कराया. स्कूली बच्चों द्वारा बाल्टी, ब्रश और झाड़ू से बाथरूम साफ करने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो पर जब स्कूल के प्रिंसिपल से सवाल किया गया तो उन्होंने सफाई कर्मचारी के स्कूल न आने का कारण बताया.